पिता को याद कर भावुक हुए पूर्व मंत्री दीपक जोशी, सेवा दिवस के रूप में मनाई पुण्यतिथि

Atul Saxena
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देवास(बागली),सोमेश उपाध्याय।  सियासत के संत कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनकी कर्म भूमि बागली पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी सम्मिलित हुए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय जोशी की प्रतिमा पर दुग्धाभिषेक कर माल्यार्पण किया। उधर अपने पिता को याद करते हुए पूर्व मंत्री जोशी भावुक हो गए ।

कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि बागली जोशी जी के हृदय में बसती थी। उन्होंने राजनीति में ईमानदारी और सत्यता का रास्ता दिखाया था। मैं उनका पुत्र जरूर हूँ लेकिन उत्तराधिकारी उनके बनाए हजारों  कार्यकर्ता हैं। जोशी ने कहा कि पूज्य पिताजी के कार्यों व सिद्धान्तों से डिगा हूँ  लेकिन अब पूरी कोशिश रहेंगी कि शेष जीवन उनके बताए सिद्धांतों पर चल कर अपना श्रेष्ठ देते हुए जनता की सेवा में समर्पित करूँगा। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सूर्यप्रकाश गुप्ता,प्रवीण चौधरी, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शारदा बोथरा, माया पटेल, मण्डल अध्यक्ष टिकेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व नप अध्यक्ष डॉ रामचन्द्र राठौर आदि ने भी सम्बोधित किया।

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सेवा दिवस के रूप में मनाई पुण्यतिथि 

भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय जोशी की पुण्यतिथि सेवा दिवस के रूप में मनाई। इस दौरान बागली के शासकीय अस्पताल में मरीजों को फल वितरित किए गए एवं शासकीय कन्या हाई स्कूल में करीब 200 बच्चों को कॉपी पेन वितरित किए गए। तत्पश्चात निर्धन महिलाओं को कंबल का वितरण भी किया गया।

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यह रहे मौजूद

कार्यक्रमों में नप अध्यक्ष अमोल राठौर, भाजपा नेता अली हुसैन बोहरा, दूले सिंह दरबार, विनोद बावेल, कमल यादव, रमेश माकड़िया, छगनलाल राठौर, डॉ सुनील उपाध्याय, रामसिंह ओसारी, अभय बड़ौला, कमल जायसवाल, जयदीप सिंह उदावत, पूर्व नप उपाध्यक्ष लक्ष्मी ग्रेवाल, सुधारानी शर्मा, माया चौधरी, अरुणा त्रिपाठी, सत्या ठाकुर, पवन राठौर, ईशान उपाध्याय, गोविंद यादव शामिल हुए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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