हाथरस की घटना को लेकर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने साधा यूपी और केंद्रीय सरकार पर निशाना

देवास, अमिताभ शुक्ला। महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने राहुल गांधी को हाथरस जाने पर रोके जाने की बात का किया विरोध करते हुए यूपी सरकार और केंद्रीय सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है । वहीं अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि अब कहां हैं दोनो, क्या बीजेपी से मिल गए ? नरेंद्र मोदी के चमचे हो गए । आगे सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जब राहुल गांधी इस तरह की बात करते हैं , न्याय की बात करते हैं तो नरेंद्र मोदी उनसे भय खाने लगते हैं । कहीं भी घटना होती है , राहुल गांधी तुरंत वहां पर जाते हैं और पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाते हैं । दुर्भाग्य है उत्तर प्रदेश का जहां भारत की आत्मा बसती है । लेकिन इतने बड़े राज्य की कमान ऐसे व्यक्ति के हाथ में है जिसे ना शासन चलाना आता है , ना ही सत्ता चलाने का अनुभव है । इन घटनाओं पर मुख्यमंत्री चुप है , रात के 2:30 बजे पीड़िता का शव जला दिया जाता है । परिवार को देखने नहीं दिया जाता ।

आगे उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है। पूर्व मंत्री ने कहा अगर प्रधानमंत्री ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है तो क्या चमत्कार हो जाएगा या संविधान में नई धारा लाओगे, कार्रवाई तो संविधान धाराओं के तहत ही की जाएगी ।  इस तरह के मामलों का 15 दिन में निराकरण होना चाहिए । राहुल गांधी को लट्ठ मारा गिरा दिया और उन्हीं पर प्रकरण दर्ज कर दिया । हम बीजेपी की गलत नीतियों का लगातार विरोध करेंगे । हम जेल जाने को भी तैयार हैं लेकिन गलत नीतियों का विरोध जारी रहेगा ।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।