मध्य प्रदेश सरकार से अच्छा ख़ासा वेतन मिलने के बाद भी कुछ शासकीय सेवक रिश्वतखोरी की बुरी आदत से बाहर नहीं निकलना चाहते, लोकायुक्त संगठन मध्य प्रदेश में लगातार घूसखोरों को रंगेहाथ पकड़ रहा है, पिछले तीन दिनों की ही बात की जाये तो चार रिश्वतखोरों को ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीमों ने रंगे हाथ पकड़ा है।
रिश्वतखोरी अब शासकीय सेवकों के सर चढ़कर बोल रही है, सख्त एक्शन के बाद भी भ्रष्ट शासकीय सेवक बेख़ौफ़ होकर सरकारी काम करने के बदले ही पैसा ले रहे हैं, इसी कड़ी में आज उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम ने एक भ्रष्ट सीईओ को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है।
CEO ने मांगी रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा
जानकारी के मुताबिक देवास जिले के सोनसर तहसील टोंकखुर्द निवासी रोजगार सहायक कृष्ण पाल सिंह ने एक शिकायती आवेदन उज्जैन लोकायुक्त एसपी ऑफिस में दिया जिसमें आवेदक ने जनपद पंचायत टोंकखुर्द के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) पर रिश्वत मांगने के आरोप लगाये थे।
ट्रांसफर करने के लिए मांगे 20000 रुपये
29 सितम्बर को की गई शिकायत में आवेदक कृष्ण पाल सिंह ने लिखा कि जनपद पंचायत टोंकखुर्द के मुख्य कार्यकाल अधिकारी राजेश सोनी उसका ग्राम पंचायत नावदा में तबादला करने के ऐवज में 20000/- रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे हैं, शिकायत मिलने के बाद इसकी सत्यता की जाँच की गई।
जाँच में रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि के बाद ट्रैप
लोकायुक्त पुलिस उज्जैन एसपी आनंद यादव के निर्देश पर इंस्पेक्टर दीपक सेजवार ने शिकायत की जाँच की तो सीईओ द्वारा रोजगार सहायक से 20000 रुपये मांगे जाने की पुष्टि हो गई, पुष्टि होने के बाद ट्रैप प्लान किया गया, और आज 10 अक्टूबर को टीम देवास पहुंची।
रिश्वत की राशि हाथ में आई , लोकायुक्त ने दबोचा
देवास की जनपद पंचायत टोंकखुर्द के ऑफिस में लोकायुक्त टीम ने शिकायतकर्ता रोजगार सहायक कृष्णपाल सिंह को रिश्वत के साथ सीईओ के पास भेजा और उसने जैसे ही रिश्वत की राशि 20000 रुपये दी बाहर खड़ी लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने उसे दबोच लिया।






