देवास, सोमेश उपाध्याय। जिले की बागली तहसील के मजदूर 3 महीने से महाराष्ट्र के ग्राम मीनागांव जिला सोलापुर में बंधक बने हुए थे, जिन्हें कलेक्टर के निर्देश के बाद छुड़ाया गया है। यह मामला तब संज्ञान में आया जब 7 अन्य बंधक जो पहले भागकर यहां आ चुके थे वह जनसुनवाई में कलेक्टर के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके लिए अलग से रेस्क्यू टीम बनाई। 18 लोगों में से 7 लोग पहले आ चुके थे लेकिन अन्य बचे 11 लोगों को पुलिस और प्रशासन की टीम ने महाराष्ट्र पुलिस की मदद से मुक्त कराया।
दरअसल बागली क्षेत्र के उदयनगर सहित अन्य गांव के कुछ लोगों को पिछले दिनों मजदूरी के लिए महाराष्ट्र के ग्राम मीनागांव जिला सोलापुर ले जाया गया था। इन्हें 40 हजार रुपये अग्रिम भुगतान भी किया गया। वहीं तीन माह बाद काम खत्म होने पर सभी को बंधक बना लिया गया और रुपये की मांग की गई। कुछ लोगों ने वहां से परिजनों को फोन किया और आरोपियों के खाते में रुपये भी डलवाए, इसके बावजूद मजदूरों को नहीं छोड़ा गया। मामले की शिकायत परिजनों ने जनसुनवाई में कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला को की। जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर टीम बनाई गई और एसडीएम बागली अरविंद चौहान के नेतृत्व में रेस्क्यू की तैयारी की गई। मंगलवार को टीम सोलापुर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। जहां से 11 मजदूरों को मुक्त कराया गया।