मण्डी कर्मचारियों को 8 माह से नहीं मिली  तनख्वाह, कैसे मनेगी दीवाली?

देवास/बागली, सोमेश उपाध्याय। कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के दावे करने वाली मध्यप्रदेश सरकार में यदि उसका कर्मचारी ही परेशान है तो ये बात बेमानी हो जाती है। मामला बागली कृषि उपज मंडी का है जहाँ काम करने वाले कर्मचारी लम्बे समय से वेतन के इंतजार में है।

कृषि उपज मंडी बागली के कर्मचारियों को पिछले आठ महीने से वेतन नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी  इस बात को लेकर परेशान हैं  कि बगैर तनख्वाह के दीवाली कैसे मनाई जाएगी। वहीं इस सम्बंध में मण्डी प्रशासन भी गम्भीर नहीं  है। मण्डी के सभी कर्मचारी तनख्वाह के इंतजार में है।इस सम्बंध में कर्मचारियों की ओर से कई बार सम्बंधित अधिकारियों को भी ज्ञापन दिया लेकिन कोई हल नहीं  निकला। जबकि सरकार के व निजी कम्पनियों के कर्मचारियों को दीपावली पर समय पर वेतन के अलावा बोनस भी मिल जाता है। गौरतलब है कि दशहरा पर भी मण्डी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया इससे कर्मचारियों में रोष के साथ निराशा व्याप्त है। बागली मण्डी कर्मचारी  प्रताप सिंह डॉबी ने बताया कि शासन के द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदे गए थे जिसका मण्डी शुल्क 65 लाख बकाया है।यदि मण्डी शुल्क मिल जाता है तो सभी कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था आसानी  से हो जाएगी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....