देवास के हॉटपिपल्या (Hatpipalya) में उपचुनाव के पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक पुराना वादा भाजपा के लिए नई मुसीबत बन गया है। दरअसल बागली (bagli) क्षेत्र में विगत कई वर्षों से बागली जिला बनाने का आंदोलन चल रहा है। दिवंगत पूर्व सीएम कैलाश जोशी (Former CM late Kailash Joshi) के नेतृत्व में साल 2013 से ये अभियान सतत चलता आ रहा है। 4 सितंबर 2018 को जब पूर्व सीएम कैलाश जोशी ने बुलावे पर बागली क्षेत्र की जनता ने भोपाल में डेरा डाला था उस समय भी देर रात श्यामला हिल्स पर तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने कहा था कि बागली जिला बनने का हकदार है और सैद्धान्तिक आधार पर में व्यक्तिगत रूप से सहमत भी हूँ, लेकिन अभी किसी नए जिले की चर्चा नहीं हो रही है इसलिए जब भी चर्चा शुरू होगी बागली को ध्यान में रखा जाएगा। इसके बाद विधानसभा व लोकसभा चुनाव में भी शिवराज ने बागली (bagli) को जिला व क्षेत्र में नर्मदा (narmada jal) लाने की बात कही थी। परंतु यह दोनों वादे अब तक अधूरे हैं।
बता दें कि हाटपिपल्या (Hatpipalya) पूर्व सीएम स्व.कैलाश जोशी की जन्मभूमि है। हाटपिपल्या से ही सटी आदिवासी बाहुल्य विधानसभा बागली है। यह वही सीट है जहां से पूर्व सीएम कैलाश जोशी 8 बार चुनाव जीते है। यहां के लोग लंबे अरसे से बागली को जिला बनाने की माँग करते आए है।
अब बागली जिला बनाओ समिति व भारतीय किसान संघ के सदस्य इन दोनों मांगों को लेकर अड़ गए हैं। सीएम के प्रस्तावित हॉटपिपल्या दौरे से पहले बागली क्षेत्रवासी व किसान संघ के सदस्य रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर सीएम की पुरानी सभा के मैसेज लगातार वायरल किए जा रहे हैं। कुल मिला कर सीएम का प्रस्तावित दौरा भाजपा के लिए मुसीबत बना हुआ है। अब यदि सीएम इन दोनों प्रमुख मांगो को पूरा नहीं करते हैं तो पार्टी प्रत्याशी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
आईये आपको दिखाते हैं कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की पहले की गई सभा में वो घोषणा जिसमें वो दबे छिपे अंदाज़ में बागली को जिला बनाने का वादा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नर्मदा जल लाने की बात भी कह रहे हैं-