पुलिस ने दिखाई तत्परता, किसान को लौटाए साढ़े 3 लाख रुपए, जानें पूरा मामला

Amit Sengar
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देवास/खातेगांव,सोमेश उपाध्याय। आम तौर पर प्रदेश की पुलिस पर लेटलतीफी का आरोप लगता रहा है, लेकिन देवास (dewas) जिले के खातेगांव में एमपी पुलिस की ततपरता से किसान परिवार की खुशियां लौटी है। यहां खातेगांव पुलिस ने बहुत ही सूझबूझ और संवेदनशीलता के साथ कार्यवाही करते हुए किसान कैलाश चन्द्र पवार की मेहनत कर प्राप्त गाढ़ी कमाई जो 19 अक्टूबर को उठाईगीर द्वारा शातिराना अंदाज से रक़म चुरा ली गई थी उसे महज 15 दिनों के भीतर प्रकरण को सुलझाते हुए किसान की मेहनत से कमाई हुई गाढ़ी रकम को जब्त कर उसे वापस दिला दी गई जिससे किसान कैलाश चन्द्र का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा तथा खातेगांव पुलिस की प्रशंसा की है।

यह है घटना

बता दें कि 19 अक्टूबर 2022 को फरियादी कैलाश चंद्र पिता बाबूलाल पंवार निवासी ग्राम पिपलिया नेमावर ने रिपोर्ट की उसने सहकारी बैंक से तीन लाख पैंतालीस हजार रुपए निकाले और अपने झोले में रख लिए। फिर खातेगांव बाजार में जब सेवफल खरीद रहा था उसी समय किसी अज्ञात आरोपी के द्वारा यह कहा गया की आपके कुर्ते पर मैला लगा है और ध्यान भटका कर फरियादी का रुपए का बैग चोरी कर लिया।

पुलिस ने दिखाई तत्परता, किसान को लौटाए साढ़े 3 लाख रुपए, जानें पूरा मामला

पुलिस ने रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। इस दौरान पुलिस ने घटनास्थल से कन्नौद,आष्टा तक के सीसीटीवी फुटेज व कैमरे चेक किए गए तभी आरोपी रितेश पिता राजपाल सिसोदिया जाति सांसी निवासी कड़िया थाना बोड़ा राजगढ़ के द्वारा उक्त घटना घटित की जानकारी मिली। तभी पुलिस ने आरोपी की तलाश में एक टीम आरोपी के घर पर दबिश देने के लिए भेजी और मौके से आरोपी के भाई राजेंद्र पिता राजपाल सिसोदिया को पकड़ लिया। जिसके माध्यम से फरियादी की राशि तीन लाख पेंतालिश हजार रुपए जप्त की गई।

एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार कर माननीय न्यायलय पेश किया जाएगा। इस टीम में थाना प्रभारी विक्रांत झांझोंट एस आई विनय बघेल, प्र.आर.जितेंद्र तोमर, आर.रविंद्र,आर. आनंद जाट आदि शामिल थे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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