बदले बदले मेरे सरकार नज़र आते हैं : प्रियंका गांधी के नए तेवर, जनता से की शिकायत..दी नसीहत, कांग्रेस के लिए एक दीया जलाने की अपील

Priyanka Gandhi in Dewas

MP Election 2023/Priyanka Gandhi Dewas : प्रियंका गांधी बुधवार को मध्य प्रदेश में थीं। मध्य प्रदेश चुनाव 2023 में प्रचार के लिए वे यहां पहुंची थीं और देवास के खातेगांव में उन्होने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले दीपक जोशी के लिए वोट मांगे। लेकिन इस बार उनके मिज़ाज बदले हुए नज़र आए। यहां बीजेपी सरकार की नाकामियां और अपनी उपलब्धियां गिनाने के साथ ही उन्होने जनता से शिकायत भी की और नसीहतें भी दीं।

प्रियंका गांधी का ‘डिफरेंट मूड’ 

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को देवास पहुंची। लेकिन इस बार वो कुछ अलग अंदाज़ में जनता से मुखाबित हुईं। यहां उन्होने लोगों से उन्हीं की शिकायत की, उन्हें नसीहतें और समझाइश दी, राजनीति में ‘धर्म’ का महत्व बताया, आज़ादी की लड़ाई पर बात की, लोकतंत्र क्या है इसे लेकर अपना मत जाहिर किया और जनता को उसके कर्तव्य और अधिकरा भी बताए। इस दौरान उनका लहज़ा और बॉडी लैंग्वेज दोनों बहुत अलहदा थी। वो आत्मविश्वास से भरी हुई थीं, साथ ही जनता से वोट मांगने की अपील करने की बजाय दो टूक बात करती अधिक नज़र आ रही थीं। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं उनके भाषण में कही गई प्रमुख बातें।

प्रियंका के भाषण की खास बातें-

  1. प्रियंका गांधी ने मंच से जनता से सवाल किया ‘क्या मिला आपको इस राजनीति से’ ? जब जब चुनाव आया धर्म की बात उठा ली। आपके जज्बात धर्म से जुड़े हुए हैं। सबके जज्बात और दिल धर्म की बातों से जुड़ा है। लेकिन जब राजनीति में धर्म का इस्तेमाल हो रहा है तो आप आंखें नहीं खोलेंगे ? जब धर्म की बातें होती है और उसपर वोट मांगा जाता है, आप आंखें नहीं खोलेंगे ?
  2. राजनीति का सबसे पहला मकसद क्या है ? अगर नेता भूल जाता है और जनता अहसास नहीं दिलाती तो तरक्की नहीं हो सकती आपकी। सबसे बड़ा राजनीतिक मकसद यही है कि आपकी सेवा होनी चाहिए..आपकी तरक्की होनी चाहिए। देश को आगे बढ़ना चाहिए, गांव को सशक्त होना चाहिए, रोजगार मिलना चाहिए। ये है राजनीतिक मकसद। ये मकसद नहीं है कि चुनाव के समय धर्म की बात कर ली, सबके जज्बात उभार लिए, सबके वोट बटोर लिए और सत्ता में मौज करने बैठ गए। ये नही है मकसद।
  3. प्रियंका गांधी ने जनता से कहा कि “मैं आपसे शिकायत करूंगी कि आपने एक ऐसी परिस्थिति बना दी है देश में कि सारे नेता जो सत्ता में बैठे हैं वो इस मकसद को भूल गए हैं। आपने ये परिस्थिति आपने बनाई है..आपसे शिकायत है क्योंकि आप जागरूक नहीं बन रहे हो।”
  4. जागरूरता इसमें है कि आप लोकतंत्र कि शक्ति समझो। महात्मा गांधी, इंदिरा जी, नेहरू जी, पटेल जी, अंबेडकर जी और आपके पूर्वजों ने अंग्रेजों के शासन के खिलाफ लड़ाई इसलिए लड़ी क्योंकि जनता के हाथ में कोई शक्ति नहीं थी। उन्होने अपने लिए ये लड़ाई नहीं लड़ी, आपकी आजादी के लिए लड़ी। इसका मतलब है कि जब इस देश में लोकतंत्र है तो इसका मतलब है कि देश में सबसे शक्तिमान कौन है ? श्री नरेंद्र मोदी जी हैं ? मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी हैं ? नहीं…। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। आपके हाथों में शक्ति होनी चाहिए।
  5. इस देश के नौजवान के भविष्य को बनाना सरकार का दायित्व है..धर्म है। और कोई धर्म नहीं होना चाहिए नेता का। सिर्फ एक धर्म होना चाहिए कि आपको सशक्त करे। इसीलिए जब नेता आपके सामने मंच पर खड़ा होता है तो मन  बना लो। अगर कुछ करने की घोषणा करता है और पांच साल में करके नहीं दिखाया तो मन बनाओ उसको निकाल दोगे, खदेड़ दोगे।
  6. आपके सामने भी चुनौती है..तो आंख मूंदकर वोट दे दो। देखते हैं फिर क्या होता है पांच सालों में। जिसने अठारह सालों में नहीं किया देखते हैं वो पांच  सालों में क्या करेगा। या फिर सोच समझकर, सतर्क बनकर, सवाल पूछकर, अपने विवेक से, अपने अनुभव से, समझदारी से वोट डालो।
  7. आज भी ऐसे नेता हैं, ऐसी राजनीति है। उसपर थोड़ा भरोसा करो। अपनी आंखें खोलो। और इस चुनाव में जिन्होने आपके लिए काम नहीं किया, जिनकी बाइस हजार खोखली घोषणाएं हैं, उनको सबक सिखाओं। अपने मध्य प्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाओ कि आप पूरे देश में गर्व से कह सको कि मैं मध्य प्रदेश का हूं।
  8.  अंत में उन्होने सबको दिवाली की शुभकामनाएं दी और कांग्रेस के लिए भी एक दीया जलाने की अपील की..प्रियंका ने कहा ‘आप सबको दिवाली की बहुत बहुत शुभकामनाएं..खुशी से मनाओ। एक दीया हमारे लिए भी जला लेना।’

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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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