डिंडोरी जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार शराब की अवैध खरीद-फरोख्त की शिकायत के चलते हैं अब जिम्मेदार विभाग के जिम्मेदार अफसर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। अनाधिकृत रूप से गली कूचों में शराब बिक्री पर कार्रवाई करने की बात पर विभाग के जिम्मेदार विभाग के पास अमला और संसाधन ना होने की बात कहते हैं।
बता दें कि पिछले दिनों इस इसी मामले को लेकर पुलिस प्रशासन सहित जिला कलेक्टर तक को लिखित शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा की जा चुकी है लेकिन अभी तक अवैध शराब बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही ना होना जिम्मेदारों पर सवालिया निशान लगाता है। अवैध शराब बिक्री को लेकर जब जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि जिले में कोई इतना बड़ा शराब माफिया नहीं है, अभी तक जितने भी मामले उनके संज्ञान में आए हैं वह सभी छोटे-छोटे विक्रेताओं के द्वारा फुटकर शराब बेचे जाने के है जिन पर विभाग ने समय-समय पर कार्रवाई की है। अब सवाल यह है कि यदि जिले में कोई बड़ा शराब माफिया नही है तो इन छोटे स्तर पर शराब बेचने वालों के पास सप्लाई कहाँ हो रही है। बता दें कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान लगे लॉक डाउन में भी शराब की डिलीवरी आसानी से लोगों तक की जा रही थी। और अब भी अवैध शराब की सप्लाई जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम ठेकेदार और उसके गुर्गों के द्वारा दोपहिया चार पहिया वाहनों से की जा रही है। अवैध शराब विक्रय के खिलाफ कार्रवाई ना होने के कारण आम जनता में रोष व्याप्त है। वहीं प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी आर एन व्यास का कहना है कि हमारे पास सीमित संसाधन है और हम उसी से अधिक से अधिक कार्रवाई कर रहे हैं।