डिंडोरी/प्रकाश मिश्रा
कोरोना के कारण चार माह से रोजी-रोटी से दूर हो चुके डंपर संचालकों और उनके कर्मचारियों ने एसडीएम कुमार सत्यम को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
डिंडोरी जिला मुख्यालय के समनापुर चौराहे पर मंगलवार को दर्जनों की संख्या में डंपरों के साथ उनके संचालक और उस पर काम करने वाले अन्य कर्मचारी इकट्ठा हुए। कोविड-19 के चलते बेरोजगारी के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक संकट से निजात दिलाने तथा वाहनों की ईएमआई एवं टेक्स पर रियायत देने की मांग करते हुए इन्होने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। डंपरों की संख्या अधिक होने तथा उनके साथ लोगों की संख्या को देखते हुए यातायात व्यवस्था की दृष्टि से मुख्यालय के समनापुर चौराहे पर ही उन्हें रोका गया जहां एसडीएम कुमार सत्यम, तहसीलदार बी एस ठाकुर ने डंपर एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य संचालक मंडल से चर्चा की और ज्ञापन लिया।
डंपर संचालक मंडल ने अपने ज्ञापन में बताया कि मुख्य रूप से वह रेत के परिवहन पर आश्रित हैं। कोविड-19 संक्रमण के चलते वैसे भी उनके वाहन पिछले 4 माह से घर में खड़े हुए हैं। उन्होंने एसडीएम को यह भी बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में रेत की खदाने 30 जून तक चालू रखी गई थी किंतु डिंडोरी जिले में 20 जून को ही खदानें बंद करने के आदेश जारी कर दिए गए थे जिसके कारण उनका रोजगार छिन गया। ज्ञापन सौंपने आए जिले भर के डंपर संचालकों ने प्रदेश की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एक और मुख्यमंत्री सब को रोजगार मुहैया कराने की बात कहते हैं वहीं दूसरी ओर डिंडोरी जिले में सरकार की गलत नीतियों के कारण बेरोजगार होकर भूखमरी जैसे हालातों से जूझना पड़ रहा है। चूंकि उनके पास रेत परिवहन के अलावा और कोई आय के स्रोत नहीं है जिसकी वजह से वाहनों की लोन की ईमआई और टैक्स भरने की व्यवस्था तक नहीं है। डंपर संचालकों ने जिला प्रशासन के माध्यम सेप्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उनके बैंक लोन की ईएमआई , गाड़ियों का टैक्स तथा परमिट आगे बढ़ाया जाए। साथ ही उन्हें जिले के अंदर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं ताकि वह अपने परिवार और अपने आश्रितों का भरण पोषण कर सकें।