पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पत्रकारों में आक्रोश, राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, हत्यारों को फांसी देने की मांग

डिंडौरी जिला मुख्यालय में महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करने की मांग पत्रकार संगठनों के द्वारा की गई है।

Amit Sengar
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Dindori News : डिंडौरी जिले भर के पत्रकारों ने छत्तीसगढ़ में अपने साथी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या का विरोध जताया। कलेक्ट्रेट चौराहा में वीरांगना रानी दुर्गावती प्रतिमा स्थल के सामने दिवंगत पत्रकार साथी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर जिले भर के पत्रकार साथी और पत्रकार संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।

महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

जिला मुख्यालय में राष्ट्रीय श्रमजीवी पत्रकार परिषद एवं प्रेस क्लब डिंडौरी के संयुक्त तत्वाधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किए जाने के पश्चात देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदया के नाम ज्ञापन डिंडौरी एसडीएम रामबाबू देवांगन को सौंपा गया। पत्रकार संगठनों ने मुकेश चंद्राकर के हत्यारे को फांसी की सजा देने की मांग की साथ ही पीड़ित परिवार को उचित न्याय और मुआवजा देने के साथ सरकारी नौकरी भी देने का अनुरोध किया है ज्ञात हो कि बिगत दिनों छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता के दौरान गठित माफियाओं के द्वारा मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या कर दी गई थी जिसका पूरे देश भर में पत्रकार संगठनों ने विरोध जताया है।

पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग

देश के विभिन्न हिस्सों में मीडिया जगत में कार्य करने वाले पत्रकार साथियों के साथ अनेकों घटनाएं घट चुकी है जिसमें पत्रकारों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है लोकतंत्र में चौथा स्तंभ कहे जाने वाली मीडिया को स्वतंत्रता पूर्वक कार्य करने में लगातार कठिनाइयां आ रही है। मध्य प्रदेश में विगत सरकारों के कार्यकाल में भी लगातार पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने की मांग पत्रकार संगठनों के द्वारा की जाती रही है किंतु सरकारों ने पत्रकारों की मांग को अनसुनी करते हुए उनकी जान के साथ लगातार खिलवाड़ किया है।

हत्यारों को फांसी देने की मांग

छत्तीसगढ़ में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने सरकारों के दावों और वादों पर एक नया सवाल खड़ा कर दिया है। डिंडौरी जिला मुख्यालय में महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल लागू करने की मांग पत्रकार संगठनों के द्वारा की गई है।
डिंडौरी से प्रकाश मिश्रा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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