डिंडोरी।प्रकाश मिश्रा।
मामला जिला चिकित्सालय का है जहां ग्राम सरहरी निवासी वृद्ध महिला थूमनी बाई उम्र 62 वर्ष को ग्राम के ही भोला और रामचरण ने बेहोशी की हालत में इलाज कराने के लिए जिला चिकित्सालय लेकर आए। आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में उपस्थित ड्यूटी डॉक्टर ने महिला की प्राथमिक जांच के उपरांत साथ में आए परिजनों के सामने मृत घोषित कर दिया ।परिजनों के अनुसार डॉक्टर के बताने के बाद उन्होंने घटना की जानकारी अपने संबंधित अन्य परिजनों को दे दी । कुछ ही देर बाद एक अन्य परिजन जब महिला को देखने उसके पास गए तो उन्होंने पाया कि वृद्ध महिला की सांस चल रही है तब इसकी सूचना परिजनों ने वहां पर उपस्थित स्टाफ नर्स एवं ड्यूटी डॉक्टर को दी। आनन-फानन में महिला की पुनः जांच की गई और का इलाज प्रारंभ किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला रात भर जिला अस्पताल में भर्ती रही और 2 मार्च की सुबह अस्पताल से छुट्टी लेकर अपने घर चली गई। खबर की पड़ताल करते हुए जब वृद्ध महिला के घर पहुंचे तो देखा कि वृद्ध महिला के पास ना तो कोई दवाइयां थी और ना ही अस्पताल का कोई पर्चा ही था।
जिला अस्पताल में नियुक्त डॉक्टरों की लापरवाही और मरीज की जान के साथ खिलवाड़ करने के मामले को लेकर जब जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से चर्चा की गई तो उन्होंने मामले को संज्ञान में लेकर जांच के उपरांत दोषी पाए जाने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई करने की बात कही।