डिंडोरी/प्रकाश मिश्रा
विगत दो माह के कोरोना संक्रमण काल में जहां पूरे विश्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण आम लोग बेहाल हैं, वही लॉक डाउन के चलते बड़ी तेजी से बदले हालातों में प्रकृति ने प्रदूषण में जबरदस्त कमी आई है। प्रदेश की जीवनरेखा नर्मदा नदी सहित देश की दर्जनों नदियों में आश्चर्यजनक तरीके से प्रदूषण में कमी देखी जा रही है। वहीं वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और बड़े-बड़े कारखानों से निकलने वाली गंदगी से भी निजात मिल रही है।
बड़े-बड़े महानगरों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए शासन प्रशासन द्वारा अनेक प्रयास किए जाते रहे हैं। करोड़ों रुपए की भारी-भरकम राशि खर्च करने के बाद भी महानगरों को प्रदूषण से मुक्त नहीं कराया जा सका है। इसी क्रम में नर्मदा, गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी, सहित देश की अनेकों बड़ी नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकार करोड़ों रुपए का बजट खर्च कर चुकी हैं किंतू इन में प्रदूषण कम होने की बजाय बढ़ता ही गया है।
लेकिन कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉक डाउन किया गया जिसके कारण अब इन पवित्र नदियों के तट साफ और स्वच्छ दिखाई देते हैं वहीं इनमें बहने वाला पवित्र जल भी अब शुद्ध और स्वच्छ दिखाई दे रहा है। हम बात करें पवित्र नर्मदा की तो मध्य प्रदेश के अमरकंटक से निकलने के बाद डिण्डोरी जिला पहला बड़ा पड़ाव है जहां नर्मदा नदी में नगर के कई बड़े नाले आकर मिलते हैं। इनके माध्यम से पूरे नगर से निकलने वाला प्रदूषित जल सीधे तौर पर नर्मदा में समाहित होता रहा है, जिस कारण नर्मदा भक्तों को तकलीफ होती रही है और जल भी पीने के योग्य नहीं रहा। लॉक डाउन के चलते लोगों का नर्मदा तट तक आना जाना कम हो गया जिसके कारण नर्मदा का पवित्र जल निर्मल और शुद्ध दिखाई दे रहा है। हालांकि लॉक डाउन को और अधिक लंबे समय तक रख पाना देश हित में संभव नहीं होगा फिर भी यह एक अच्छा अवसर है जब काफी हद तक प्रदूषन मुक्त हो चुकी इन पवित्र नदियों को आने वाले समय में भी प्रदूषण से मुक्त रखा जा सकता है । इन जीवनदायिनी नदियों के तटों पर बसे बड़े-बड़े शहरों और महानगरों और इनमें रहने वाले लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है।