डिंडोरी/प्रकाश मिश्रा
एक डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा 8 साल के मासूम को जाने कब तक भुगतना पड़ेगा। इस बच्चे के माता पिता उस समय हतप्रभ रह गए जब उसके हाथ का प्लास्टर खुला। प्लास्टर खुलने पर देखा कि उसका हाथ टेढ़ा हो गया है। अपने बेटे के हाथ को टेढ़ा पाकर मां बाप सदमे में है। उन्होने मामले की शिकायत संबंधित डॉक्टर से भी की लेकिन डॉक्टर ने उल्टे पीड़ित माता-पिता को ही दुत्कार कर भगा दिया।
पूरा मामला डिंडोरी जिला चिकित्सालय का है जहां एक माह पूर्व 2 जून का है, डांडविदयपुर निवासी राजेश चौधरी और रजनी चौधरी अपने 8 वर्ष के बेटे रोहित को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। रोहित गांव में ही खेलते समय गिर गया था जिसके कारण उसके हाथ में फैक्चर हो गया था। जिला अस्पताल आने के बाद रोहित के हाथ में प्लास्टर बांधा गया और 1 महीने बाद खोलने की बात कही गई । 2 जुलाई को जब माता पिता अपने बालक को लेकर जिला अस्पताल प्लास्टर खुलवाने पहुंचे तो प्लास्टर खुलने के बाद उन्होंने बच्चे का हाथ पूरी तरह से टेढ़ा पाया । बच्चे के हाथ की दशा देखकर माता-पिता को गहरा सदमा लगा और उन्होने संबंधित डॉक्टर से शिकायत की। लेकिन डॉक्टर ने माता-पिता के प्रति सहानुभूति दिखाना तो दूर अपनी गलती को भी स्वीकार नहीं की, उलटे माता-पिता को ही धमकी भरे लहजे में दुत्कार कर भगा दिया।
माता-पिता का कहना है कि डॉक्टर ने उनसे कहा कि यहां मुँह चलाने की आवश्यकता नहीं है, जो तुमको लगे तुम वह कर लो, जहां जाना चाहो जाओ जिससे शिकायत करना चाहो उसे शिकायत करो। इसके बाद अब पीड़ित माता पिता ने कोतवाली पुलिस में मामले की शिकायत की है और डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि जिला अस्पताल डिंडोरी में इस प्रकार का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व भी अनेक लोगों के द्वारा हाथ पैर में फ्रैक्चर के बाद उनका गलत तरीके से जुड़ जाने की शिकायत की गई है किंतु दुर्भाग्य की बात है कि दोषी डॉक्टरों के खिलाफ आज तक कोई ठोस कार्रवाई न तो जिला अस्पताल प्रबंधन ने की और ना ही प्रशासन ने पीड़ितों की गुहार सुनी। एक बार फिर एक मासूम बच्चा डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा जीवन भर भुगतने के लिए मजबूर हो गया है।