MP News: इंदौर में दो भाजपा पार्षदों जीतू यादव और कमलेश कालरा के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जिसकी शुरुआत आपसी बातचीत के एक ऑडियो क्लिप से हुई। बताया जा रहा है कि इस क्लिप में कथित रूप से एक व्यक्ति द्वारा ‘संगठन-वंगठन चूल्हे में गया’, कहने की बात सामने आई है, इसे जीतू यादव की आवाज बताया जा रहा है।
वहीं दूसरी आवाज कमलेश कालरा की बताई जा रही है। जब यह ऑडियो वायरल हुआ इसके बाद मामला और भी गरमा गया है। जीतू यादव से इस मामले में प्रतिक्रिया लेने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इंदौर में बीजेपी पार्षदों का विवाद गरमाया
इंदौर में भाजपा पार्षद कमलेश कालरा और एमआईजी सदस्य जीतू यादव के बीच विवाद और बढ़ गया है। कालरा ने आरोप लगाया है, कि जीतू यादव ने उन पर हमला करवाया है। जूनी इंदौर पुलिस ने पार्षद कमलेश कालरा के बेटे दीपेश कालरा की शिकायत पर 30 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा पार्षद कमलेश कालरा ने इंदौर पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर जीतू यादव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। यह मामला धीरे-धीरे पार्टी के अंदर गंभीर तनाव का रूप ले रहा है।
कमलेश कालरा का गंभीर आरोप
कमलेश कालरा ने गंभीर आरोप लगाते हुए धमकी दी है, कि अगर इस मामले पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वह अपने परिवार समेत आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि किस तरह एमआईजी सदस्य जीतू यादव के समर्थकों ने उनके घर में घुसकर हमला किया। फिलहाल, इस मामले को लेकर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। पुलिस उपायुक्त अमित सिंह ने बताया, मामले की तह तक पहुंचने के लिए गहराई से जांच की जा रही है। इस विवाद ने राजनीतिक स्तर पर हलचल मचा दी है।
जीतू यादव का बयान
जीतू यादव ने कमलेश कालरा द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को झूठा बताया है। मीडिया से बातचीत करने के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि उनके आदमियों ने कालरा के घर पर हमला किया है, जबकि ऐसा कुछ असल में नहीं हुआ।
संगठन के सामने रखेंगे अपना पक्ष
इतना ही नहीं जीतू यादव ने यह भी बताया कि वह वायरल ऑडियो के बारे में जानते हैं, जिसमें कालरा ने नगर निगम के एक कर्मचारी के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। इतना ही नहीं उन्होंने समझदारी दिखाते हुए कहा कि संगठन के सामने वह अपना पक्ष रखेंगे और दोनों नेताओं के बीच विवाद को मिल बैठकर सुलझाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि हम एक ही संगठन के हैं, इसलिए मिल बैठकर समस्या सुलझाना बेहतर रहेगा।
2018 की घटना की दिलाई याद
इंदौर में संगठन गया चूल्हे में जैसे बयान ने राजनीतिक माहौल को गंभीर बना दिया है, आपको याद दिला दें, इस मामले ने 2018 की एक घटना की याद दिला दी। जब पीएससी के जीतू पटवारी ने ‘पार्टी गई तेल लेने’ का बयान देखकर सुर्खियां बटोरी थी। आपको बता दें, उस वक्त पटवारी ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के समर्थित वोटर से कहा था, कि पार्टी की चिंता छोड़कर उनकी इज्जत रखनी चाहिए। यह वीडियो उस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था और भाजपा नेताओं ने इसे बड़ा मुद्दा भी बनाया था।