Doctors Strike In MP: मध्य प्रदेश के 10,000 से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। मंगलवार के दिन सभी ने सांकेतिक हड़ताल की थी और आज पूरी तरह से हड़ताल कर सरकार के सामने अपनी मांगों के संबंध में प्रदर्शन करने वाले हैं। इस हड़ताल का असर प्रदेश के भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और प्राथमिकी केंद्रों पर पड़ने वाला है। जिसके चलते गंभीर रूप से बीमार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
Doctors Strike रहेगी जारी
बीते दिन सांकेतिक हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों से सरकार ने बातचीत करने की कोशिश की है। रात 8 बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के घर पर एक बैठक का आयोजन रखा गया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ मंत्री प्रभु राम चौधरी और चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे। करीब 1 घंटे तक बैठक चली उसके बावजूद भी कोई निराकरण नहीं निकल पाया।
क्या बोले डॉक्टर्स
बैठक के दौरान चिकित्सकों ने मंत्रियों से यह साफ कह दिया है कि जब तक केंद्र के समान डीएसपी लागू करने की मांग पूरी नहीं की जाती है, तब तक वह हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। इसपर मंत्रियों ने कमेटी के साथ 1 2 मीटिंग और करने और उसके बाद फैसला लेने की बात कही, तो डॉक्टर्स का कहना था कि बैठक करते-करते चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी और ऐसा कहकर सभी बाहर आ गए।
क्या बोले CM शिवराज
मंत्रियों द्वारा कोशिश किए जाने के बाद भी हड़ताल खत्म करने का कोई निराकरण नहीं निकला है। इसी को देखते हुए देर रात सीएम शिवराज ने एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए कलेक्टर और कमिश्नरों से बात की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवा बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होना चाहिए। आकस्मिक सेवाओं के संचालन में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए। डॉक्टरों की हड़ताल को अनैतिक बताते हुए इस पर कार्रवाई किए जाने के प्रावधान के बारे में भी चर्चा की है।
सीएम ने कहा कि चिकित्सा सेवा बिना किसी परेशानी के जारी रहना चाहिए। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में व्यवस्था बनाएं, पीजी डॉक्टर्स की मदद लें, सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्बाध सेवाएं जारी रहनी चाहिए।
पर्याप्त मात्रा में एंबुलेंस की व्यवस्था सहित आयुष्मान योजना में निजी अस्पताल में इलाज का खर्चा सरकार द्वारा वहन करने की बात भी गई है। निजी अस्पतालों से चर्चा और चिकित्सकों से संवाद का प्लान भी बनाया गया है। इस मामले में चिकित्सा अधिकारियों का कहना हैं कि चिकित्सक संघ कि 95 प्रतिशत बातें मान ली गई है, उसके बावजूद भी हड़ताल की जा रही है।