शारदीय नवरात्र के समाप्त हो जाने के बाद सोमवार के दिन देवास स्थित माता टेकरी के प्रमुख मंदिरों की दानपेटियों को खोला गया। कुल 21 दानपेटियों की गणना मंदिर प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में की गई। वहीं इस गणना प्रक्रिया में करीब 100 अधिकारी और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इनमें पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक कुल दान राशि 45 लाख 51 हजार 200 रुपये इस गणना में प्राप्त हुई।
इस गणना के दौरान गणना करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी हैरान हो गए। दरअसल माता के प्रति भक्तों की भारी श्रद्धा दिखाई दी। इसमें 45 लाख 51 हजार 200 रुपये का बड़ा दान आया है, जो भक्तों की अनन्य भक्ति को दिखा रहा है।
थाईलैंड और मलेशिया के साथ-साथ नेपाल के भी सिक्के
दरअसल इस दौरान दानपेटियों से नकदी के साथ-साथ विदेशी मुद्राएं भी प्राप्त हुईं है, जिसे देखकर सभी हैरान रह गए। दान पेटियों में थाईलैंड और मलेशिया के 1-1 सिक्के और नेपाल का एक सिक्का भी शामिल है। इसका सीधा संकेत है कि भारत के अलावा भी अन्य देशों से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। इसके साथ ही, दानपेटियों में आठ पुराने 500 रुपये के नोट भी मिले हैं, जो नोटबंदी के बाद चलन से बाहर हो गए हैं। हालांकि ये नोट अब वैध नहीं माने जाते हैं, लेकिन भक्तों ने इन्हें श्रद्धा स्वरूप में माता को अर्पित किया है।
सोने-चांदी के आभूषण भी हुए प्राप्त
वहीं इसके साथ ही दानपेटियों में सोने और चांदी के आभूषण भी प्राप्त हुए हैं। जिनमें चेन, अंगूठियां और अन्य बहुमूल्य गहने भी शामिल बताए जा रहे हैं। वहीं माता के लिए भक्त अपनी आस्था के रूप में सोने-चांदी के आभूषण अर्पित करते हैं। इसके साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों को भक्तों द्वारा दानपेटियों में डाली गई मन्नत की कई चिट्ठियां भी प्राप्त हुई है, जिनमें उन्होंने अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की प्रार्थना की हैं। दरअसल भक्तों द्वारा इन चिट्ठियों में अपने जीवन की समस्याओं और इच्छाओं को व्यक्त किया गया था।
वहीं मंदिर प्रशासन के मुताबिक, इस वर्ष दान की गई राशि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक आंकी गई है, जो नवरात्र के दौरान भक्तों की बढ़ती आस्था को दिखा रही है। दरअसल हर वर्ष हजारों श्रद्धालु नवरात्र के अवसर पर टेकरी माता के दर्शन के लिए आते हैं और अपनी भक्ति के रूप में माता के यहां दान अर्पित करते हैं।