दमोह (Damoh) के पीजी कॉलेज में मंगलवार सुबह एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने परीक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए। सप्लीमेंट्री परीक्षा के बीच एक युवक अपने भाई की जगह पेपर देता पकड़ा गया। कॉलेज प्रशासन हैरान था कि सुरक्षा बढ़ाने और सीसीटीवी निगरानी के बावजूद कोई इस तरह घुस कैसे गया। लेकिन कुल मिलाकर बात यही रही, चेहरा मिलता था, मौका सही लगा और मुन्ना भाई परीक्षा हाल में घुस गया।
हालांकि किस्मत ज्यादा देर तक साथ नहीं दे पाई। जब बॉटनी के प्रोफेसर रूटीन निरीक्षण के दौरान हॉल में पहुंचे, तो शक हुआ कि जिस रोल नंबर पर ये छात्र बैठा है, चेहरा उससे मैच नहीं कर रहा है। जांच हुई, पहचान पुख्ता की गई और राज खुल गया ये भरत नहीं, उसका भाई जगदीश पटेल था। मामला तुरंत प्रिंसिपल तक पहुंचा और फिर पुलिस को बुलाकर आरोपी को थाने भेज दिया गया।
कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा?
दमोह PG कॉलेज में इन दिनों ATKT यानी सप्लीमेंट्री परीक्षाएं चल रही हैं। खास तौर पर एमएससी बॉटनी का पेपर आज निर्धारित था। कॉलेज प्रशासन ने इस बार परीक्षा में सुरक्षा बढ़ाई हुई थी सीसीटीवी कैमरे, परीक्षा हाल में कड़ी निगरानी, प्रोफेसरों के लगातार राउंड। इसके बावजूद एक युवक अपने भाई की जगह पेपर देने प्रवेश कर गया। कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि भरत नामक छात्र की जगह उसका भाई जगदीश परीक्षा हाल में पहुंच गया था। दोनों भाइयों की शक्ल काफ़ी मिलती है, इसी वजह से शुरुआती चेकिंग में वह पकड़ से बच गया।
करीब एक घंटे तक देता रहा परीक्षा
जगदीश करीब एक घंटे तक आराम से बॉटनी का पेपर हल करता रहा। किसी को शक नहीं हुआ। लेकिन निरीक्षण के दौरान बॉटनी के ही प्रोफेसर परीक्षा कक्ष में पहुंचे तो उन्हें चेहरे में गड़बड़ी लगी। रोल नंबर और पहचान पत्र की जांच के बाद मामला साफ हो गया पेपर दे रहा छात्र असली परीक्षार्थी नहीं था।
पहचान मिलान में सामने आया बड़ा खेल
प्रोफेसर ने जब कागज़ात मिलाए, रोल नंबर चेक किया और फिर चेहरा देखा, तो तुरंत शक गहरा गया। पेपर देने वाला छात्र घबरा गया और सवाल-जवाब में उलझ गया। कॉलेज स्टाफ ने इसकी जानकारी परीक्षा प्रभारी और प्रिंसिपल को दी। जांच के बाद सामने आया कि वह भाई की जगह परीक्षा दे रहा था, ताकि भरत परीक्षा में पास हो जाए। ये क्लासिक मुन्ना भाई स्टाइल का मामला था, जिसे कॉलेज प्रशासन ने तुरंत गंभीरता से लिया।
कॉलेज प्रबंधन ने क्या कहा
प्रोफेसर सविता जैन ने कहा हम रोजाना कड़े निरीक्षण के साथ परीक्षा ले रहे हैं। आज बॉटनी परीक्षा के दौरान शक होने पर हमने तुरंत जांच की। छात्र असली परीक्षार्थी नहीं था। ऐसे मामलों में हम ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हैं। प्रबंधन का कहना है कि यह सिर्फ परीक्षा फर्जीवाड़ा नहीं है, बल्कि कॉलेज की प्रतिष्ठा और परीक्षा की विश्वसनीयता पर हमला है। इसलिए मामले को हल्के में नहीं लिया जाएगा।





