अंधविश्वास की हद : परिजनों ने मृतक किशोर को जीवित करने गीली मिट्टी में दबाया

dead body

भोपाल/धार,डेस्क रिपोर्ट। कई तरह के अंधविश्वास (Superstition) हमारे सामने आते रहते हैं, ऐसा ही एक अंधविश्वास (Superstition) का मामला मध्य प्रदेश के बदनावर (Badnawar of Madhya Pradesh) से सामने आया है। जहां एक किशोर के करंट लगने (Electric Shock) से मौत (Death) हो जाने पर उसे गीली मिट्टी में दबाया गया, ताकि वह जीवित हो जाए। जी हां किसी व्यक्ति ने मृतक के परिजनों से कहा कि उसे गीली मिट्टी में दबाने से वह जीवित हो जाएगा। इसी अंधविश्वास (Superstition) के चलते परिजनों ने मृतक किशोर को गिली मिट्टी में दबाया। जिसके बाद देखते ही देखते वहां पर बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठी हो गई।

जीवित करने मृतक किशोर को गीली मिट्टी में दफनाया


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।