इंदौर में भीषण आग, प्लास्टिक गोदाम और दाल मिल में लगी आग

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। नए साल के शुरुआती सप्ताह में इंदौर (Indore) में भीषण आग (fire Accident) लग गई। शहरी क्षेत्र में लगी आग पर काबू (fire Control) पाने के लिए फायर ब्रिगेड (fire Brigade) को घण्टो मशक्कत करनी पड़ी तब कही जाकर आग पर काबू पाया जा सका। आगजनी की घटना लोहा मंडी के शंकर बाग इलाके की है, जहां रविवार रात को लगी अचानक आग ने इतना भयावह रुख अख्तियार कर लिया कि सोमवार अलसुबह तक ही आग पर काबू पाया जा सका।

मिली जानकारी के मुताबिक आग लगने की वजह तो पता नही चल पाई है लेकिन आग एक अरिहंत काकाणी के गोदाम में लगी है और प्लास्टिक पाइप के गोदाम में लगी आग ने देखते – देखते भीषण रूप ले लिया और आग बेकाबू होकर सूरज दाल मिल तक पहुंची और आग ने दाल मिल में तांडव मचाया जिसके बाद लाखों के नुकसान की आशंका आगजनी से जताई जा रही है।

आगजनी की घटना की जानकारी क्षेत्रीय लोगों ने दमकल और नगर निगम को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। रात करीब 11 बजे लगी आग को तुरंत इसलिए नहीं बुझाया जा सका क्योंकि क्षेत्र की गलियां संकरी है, जिसके चलते आग पर सोमवार अलसुबह काबू पाया जा सका। जानकारी के मुताबिक रातभर दमकल की टीम मौके पर रही और 20 से ज्यादा टेंकरो के जरिये आग पर जैसे तैसे काबू पाया जा सका।

प्रारंभिक तौर पर आग से कोई जनहानि की बात तो सामने नही आई है । वही आगजनी से लाखों के माल का नुकसान हुआ है। इधर, आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया। वही फायर पुलिस आगजनी के मामले की जांच में जुट गई है। फायरकर्मी संतोष दुबे की माने तो पाइप गोदाम में लगी आग पर काबू पाने में संकरी गलियों की वजह से फायर पुलिस को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। वही प्रत्यक्षदर्शी रामदास गर्ग की माने तो आग इतनी तेजी से फैली की उसने इलाके के दूसरे स्थानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इसी बीच रहवासियों ने तुरंत दमकल को सूचना दी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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