ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस ने दो दिन पहले हुए हिस्ट्रीशीटर भूरा नाई की हत्या (murder) की गुत्थी को सुलझा लिया है और हत्या करने वाले पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त देशी कट्टे, देशी पिस्टल और जिन्दा राउंड बरामद किये हैं। हत्या प्लॉट के विवाद को लेकर की गई थी।
ग्वालियर (Gwalior Police) के झांसीरोड थाना क्षेत्र के पिपरौली गांव में मुरैना जिले के पोरसा थाने के हिस्ट्रीशीटर भूरा चौधरी उर्फ़ भूरा नाई की घेरकर 27 दिसंबर को उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वो अपने साथियों के साथ शीतला माता के दर्शन करने जा रहा था। घटना के बाद से ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस (Gwalior Crime Branch Police) आरोपियों की तलाश कर रही थी।
आज बुधवार को एसपी अमित सांघी को मुखबिर से सूचना मिली कि भूरा नाई की हत्या के आरोपियों को जौरासी मंदिर के पास एक होटल पर देखा गया है। एसपी ने तत्काल एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया को कार्रवाई के लिए कहा।एडिशनल एसपी ने सीएसपी और क्राइम ब्रांच टीआई के निर्देशन में टीम बनाकर मुखबिर के बताये स्थान पर घेराबंदी कर तीन बदमाशों को पकड़ लिया।
पूछताछ में आरोपियों ने हत्या करना स्वीकार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपने दो साथियों के शताब्दीपुरम में छिपे रहने की जानकारी दी। पुलिस ने आरोपियों के बताये स्थान पर दबिश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 315 बोर के 3 देशी कट्टे, एक देशी पिस्टल और पांच जिन्दा राउंड बरामद किये। पुलिस ने घटना के दौरान यूज की गई मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
एसपी अमित सांघी ने बताया कि भूरा नाई पोरसा थाने का हिस्ट्रीशीटर था इस पर 23 मामले दर्ज थे। हत्या का कारण बहोड़ापुर क्षेत्र में पार्टनरशिप में ख़रीदा गया एक प्लाट है। पूछताछ में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपियों का भी आपराधिक रिकॉर्ड है पुलिस इनको रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....