MP Tourism : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में घूमने के लिए कई सारी धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक जगहें मौजूद है जहां हर साल हजारों लोग घूमने के लिए आते हैं। इन जगहों की अलग अलग मान्यता है। भोपाल को नवाबों के शहर के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं यह बेगमों के शासन काल के लिए भी प्रसिद्ध है। शहर में कई मौजूद महल और बेगमों के दौर की कई कहानियां है। आज हम आपको 200 साल पुराने गौहर महल के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं। अगर आप राजधानी घूमने के लिए जा रहे है या फिर वहीं है तो एक बार इस जगह पर जरूर जाए। यहां का इतिहार भी प्राचीन है। तो चलिए जानते –
MP Tourism: ऐसा है गौहर महल –
भोपाल का गौहर महल सबसे भव्य और आकर्षित है। इसे गौहर बेगम द्वारा 200 साल पहले बनवाया गया था। इस महल की वास्तुकला देखने लायक है। यहां दूर-दूर से लोग घूमने के लिए और महल का दीदार करने के लिए आते हैं। यह महल 4.65 एकड़ की जमीन पर फैला हुआ है। आपको बता दें राजधानी के बड़े तालाब के किनारे लगे वीआईपी रोड पर शौकत महल के पास बड़ी झील के किनारे गौहर महल स्थित है। इस महल से ही बेगमों के शासनकाल की शुरुआत हुई।
बात करें महल की बनावट की तो यहां तीन आंगन मौजूद है जिसमें पहले दीवान ए आम था यहां पर ही आम लोगों की बातें सुनी जाती थी। वहीं दूसरे आंगन में दीवान एक खास था, जिसमें शहर के खास ओहदे वाले लोगों की बात सुनी जाती थी। इसके बाद तीसरा बेहद सामान्य है। इस महल का नजारा लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। इस महल में एक खुफिया गुफा भी है जो करीब 45 किलोमीटर की है। यह गुफा गौहर महल से रायसेन के किले तक मिलती है।
अगर आप भोपाल में है तो आप भोपाल में शौकत महल, मोती महल और गौहर महल का दीदार कर सकते हैं। खास बात यह है कि गौहर महल भोपाल रियासत का पहला महल है। जैसे गोहर के नाम से जाना जाता है। गौहर बेगम का दूसरा नाम कुदसिया बेगम भी है महल की खासियत यह है कि भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला से मिलाकर इसे तैयार किया गया है। यहां पर हिंदू और मुगल कला का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
यह है गोहर महल का इतिहास –
गोहर महल का निर्माण 1820 ईस्वी में कुदसिया बेगम द्वारा करवाया गया था। कुदसिया बेगम ही गौहर बेगम है। ऐसे में इस महल को इसी नाम से जाना जाता है। इस महल की कई सारी खास बातें हैं महल में कुदसिया बेगम का कमरा उन सब में से सबसे ज्यादा खास है। जिसकी नकाशी ही काफी अलग है। उनके कमरे की दीवारों पर चमकीली पदार्थ लगी हुई है। खास बात यह है कि मोमबत्ती की रोशनी से इस कमरे की शाम देखने को मिलती थी।
इतना ही नहीं यहां के दरवाजों पर भी कांच की नक्काशी की गई है। वहीं महल के ऊपर के हिस्से में एक और कमरा मौजूद है। जहाँ से भोपाल का पूरा नजारा देखा जा सकता है। खास बात यह है कि इस महल में एक गार्डन भी मौजूद है जहां कई तरह के फूल और पौधे भी हैं। इस महल से बड़े तालाब का नजारा देखने को मिलता है जो लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। आप भी एक बार जरूर इस महल का दीदार करने के लिए जाएं और यहां का इतिहास जाने।