MP Employees News: मध्य प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है।राज्य की मोहन सरकार एक बार फिर अधिकारियों कर्मचारियों के लिए हायर परचेस मॉडल (किराया क्रय पद्धति) लागू करने की तैयारी में है।
शुरुआत में चयनित महानगरों जैसे इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किए जाने की तैयारी है, इसके बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।इसके लिए उन्हें कुछ नियम शर्तों का पालन करना होगा। इस योजना के तहत पहले कर्मचारियों को मकान किराए पर दिया जाएगा, उसके बाद उन्हें मालिकाना हक भी दे दिया जाएगा।
क्या है हायर परचेस मॉडल
परचेस मॉडल के तहत, एक समझौते या अनुबंध के आधार पर खरीददार मकान या भूखंड का मूल्य नकद में न चुकाकर किस्तों में भुगतान करता हैं। इसमें मकान क्रेता को प्रयोेग के लिए सौंप दिया जाता है, लेकिन मकान का स्वामित्व विक्रेता के पास ही रहता है।जब तक क्रेता द्वारा अंतिम किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है, तब तक क्रेता उस वस्तु का मालिक नहीं हो सकता हैं, लेकिन भुगतान करने के बाद उसे मालिकाना हक दे दिया जाता है।
क्या है इसके पीछे राज्य सरकार का उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य राज्य शासन के अंशदान के साथ आवंटियों की भागीदारी और हायर परचेस मॉडल, एन्यूटी मॉडल, निजी आवासीय कांप्लेक्स किराए पर लेने व अन्य प्रस्तावों पर विचार करना है। इसके लिए गठित समिति द्वारा प्रदेश में शासकीय आवास गृहों के निर्माण के लिए वैकल्पिक वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रक्रिया के प्रस्ताव बनाए जाएंगे।
जल्द गठित होगी समिति, इस तरह होगा काम
- प्रदेश के महानगरों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस मॉडल को लागू करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी। समिति द्वारा प्रदेश में शासकीय आवास गृहों के निर्माण के लिए वैकल्पिक वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रक्रिया के प्रस्ताव बनाए जाएंगे।
- पात्र शासकीय सेवकों को लंबी अवधि तक शासकीय अशंदान से स्वयं के आवास गृह उपलब्ध कराने के वैकल्पिक वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रस्ताव, निजी आवासीय भवनों, अपार्टमेंट को लंबी अवधि पर लीज, किराए पर लेकर गृह भाड़ा के विरुद्ध आवांटितियों से किराए आवंटित व्यवस्था, अनुशंसित वित्तीय तथा क्रियान्वयन प्रस्ताव पर चयनित महानगरों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने की रूपरेखा व अनुशंसा समिति द्वारा की जाएगी। समिति की अनुशंसा के बाद इसे शुरू किया जा सकेगा।