MP Employees News : मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की मोहन यादव सरकार गृह भाड़ा भत्ते में वृद्धि की है। यह वृद्धि दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में पदस्थ प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों के भत्ते में की गई है। इस संबंध में वित्त विभाग ने भी आदेश जारी कर दिए है।
दरअसल, मोहन सरकार ने मप्र शासन के दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में पदस्थ कर्मचारी अधिकारियों को प्रदेश में पदस्थ कर्मचारियों के समान गृह भाड़ा भत्ता देने का फैसला किया है। इसके तहत महानगरों में पदस्थ कर्मचारी अधिकारियों को अब अन्य कर्मचारियों के समान छठे वेतनमान के हिसाब से गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा।
30% की दर से मिलेगा हाउस रेंट अलाउंस
- वित्त विभाग के आदेश में लिखा है प्रदेश के कई कर्मचारी-अधिकारी दिल्ली और मुंबई जैसे दूसरे महानगरों में पदस्थ हैं, इन बड़े शहरों में आवास की गंभीर समस्या है, इसको देखते हुए राज्य सरकार ने महानगरों में पदस्थ इन प्रदेश कर्मचारी अधिकारियों को मूल वेतन के 30 फीसदी की दर से गृह भाड़ा भत्ता दिया जाता है।
- 2007 में जब इसको लेकर आदेश जारी किया गया था, तब प्रावधान किया गया था कि गृह भाड़ा भत्ता पांचवे वेतनमान के हिसाब से दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में पदस्थ कर्मचारियों को 1 सितंबर 2012 से छठे वेतनमान के हिसाब से गृह भाड़ा दिया जा रहा है।इसको देखते हुए अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि महानगरों में पदस्थ कर्मचारी-अधिकारियों को भी छठे वेतनमान के अंतर्गत निर्धारित वेतन बेंड में वेतन और ग्रेड वेतन के योग के 30 फीसदी के आधार पर ही गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा।
राज्य कर्मचरियों को DA/DR वृद्धि का इंतजार
इधर, मध्य प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों में डीए और डीआर में वृद्धि ना होने से नाराजगी बढ़ती जा रही है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का कहना है कि केन्द्र की तुलना में राज्य के 12 लाख कर्मचारी 4% DA/DR से पीछे हैं, वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 50% तो राज्यकर्मियों को 46% डीए का लाभ मिल रहा है ,जिसके चलते कर्मचारियों को हर महीने ₹620 से5640 रुपए का नुकसान हो रहा है।संघ ने सीएम मोहन यादव से जनवरी 2024 से DA/DR वृद्धि कर कर्मचारियों पेंशनरों को आर्थिक मजबूती दिए जाने की मांग की है।