गुना, संदीप दीक्षित। (Guna Police) झूठ, फरेब और भ्रष्टाचार आज की तारीख में जगह-जगह पनप रहा है, और प्रशासन लगातार इसके खिलाफ हल्ला बोल रहा है। मध्यप्रदेश के गुना से एक ऐसी ही खबर सामने आई है, जहां रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों का संचालन करने वाले एक एनजीओ की महिला एपीओ को पुलिस ने रंगे हाथों पकड़ा है। पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने के लिए पहले तो जाल बिछाया और फिर फरियादी की मदद से आरोपी महिला एपीओ को रंगे हाथों धर दबोचा।
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खबर है कि संस्थान में प्रशिक्षक का दायित्व निभाने वाली महिलाओं ने गुना एसीपी राजीव कुमार मिश्रा को बताया था कि संस्थान की असिस्टेंट आफिसर उनके वेतन से कमीशन की मांग कर रही है। इसके बाद से ही पुलिस ने एक रणनीति तैयार की और शिकायतकर्ता के साथ मिलकर धोखाधड़ी के मामले का खुलासा कर दिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 10 फरवरी को पूजा सेन 30 वर्षीय निवासी बांसखेड़ी और कृष्णा जाटव 29 वर्षीय निवासी आकाशवाणी के पास, के द्वारा आवेदन के रूप में शिकायत की गई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि दोनों ने ही एनजीओ जन शिक्षण केंद्र में प्रशिक्षक के रूप में काम किया है, जहां वह ब्यूटी पार्लर, सिलाई आदि के प्रशिक्षण कार्य से जुड़ी रही हैं।
एनजीओ केन्द्र का संचालन प्रशांत व्यास के द्वारा किया जा रहा है, जिसमें आरोपी महिला चंद्रलेखा ठाकुर असिस्टेंट प्रोग्राम आॅफिसर हैं। बतादें कि इस इस केंद्र का संचालन करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास निगम से फंड की प्राप्ति होती है। केंद्र में एक बैच 4 माह के लिए संचालित किया जाता है, जिसमें 20 महिलाएं प्रशिक्षण लेती हैं तथा एक बार में एक साथ तीन-तीन बैच संचालित होते हैं।
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केन्द्र में एक बैच के संचालन के लिए प्रधामंत्री कौशल विकास निगम की ओर से एक प्रशिक्षण के लिए 18 हजार रूपये का फंड प्राप्त होता है। जानकारी के लिए आपको बतादें कि शिकायत कर्ता महिलाओं ने सितम्बर से दिसम्बर तक चार महीने में तीन-तीन बैच चलाए हैं, इन बैचों को चलाने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास निगम की ओर से उन्हें 53,580-53,580 रूपये प्राप्त हुए। जिसे लेकर आरोपी महिला का कहना है कि खाते में से पूरे पैसे निकालकर लाओ और कमीशन काटकर आपको वेतन दिया जाएगा।
पुलिस ने बनाई रणनीति
पुलिस के पास जब फरियादी पहुंची तो पुलिस ने आरोपी आफिसर महिला चंद्रलेखा ठाकुर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया जिसमें फरियादी पूजा सेन द्वारा महिला अधिकारी को देने के लिए निकाले गए 33,500 रूपए का पंचानामा तैयार कर उक्त रूपयों को केंद्र की असिस्टेंट प्रोग्राम आफिसर चंद्रलेखा ठाकुर को देने के लिए भेजा गया और इनके साथ पुलिस की टीम भी गई, जो मौके के आस-पास जाकर खड़ी हो गई।
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फरियादी ने जैसे ही आरोपी आफिसर महिला को रूपये देकर बाहर आई तो पुलिस टीम द्वारा तत्काल कार्रवाई की गई। मौके पर आरोपी महिला वही पैसे गिनते हुए पाई गई, जो पंचनामा अनुसार 33,500 रूपए ही पाए गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी महिला चंद्रलेखा ठाकुर पत्नी नरेंद्र सिंह ठाकुर 50 वर्षीय, निवासी गोविंद गार्डन को गिरफ्तार कर लिया है। जिसके खिलाफ 108/22 धारा, 420, 409 भी दर्ज कर लिया गया है।
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केन्द्र का संचालकर फरार, पुलिस करेगी जांच
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार संस्था के निदेशक प्रशांत व्यास व अन्य स्टाफ फरार हो गए हैं। पुलिस द्वारा इन लोगों की तलाश जारी है। संभावना जताई जा रही है कि स्वयंसेवी संस्था जन शिक्षण केन्द्र के संचलान के लिए शासन की ओर से प्राप्त होने वाले फण्ड में इस प्रकार से हेराफेरी कर अभी तक करोड़ों रूपयों का गोलमाल किया गया है। इस प्रकार शासन की योजनाओं में हेराफेरी कर हिग्राहियों से धोखाधड़ी करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।