गुना/विजय कुमार जोगी
बहुत साल पहले एक गाना बड़ा ही मशहूर हुआ था जिसमें कहा गया था कि कौन सुनेगा किसको सुनाएं इसलिए चुप रहते हैं। हम ये गाना यहा इसलिए सुना रहे हैं क्योंकि गुना जिले के दो विधान सभाओं में ग्रामीण अंचल के रहने वाले लोग आजकल यही कहने को मजबूर है कि साहब हमारी कोई सुनने वाला नहीं है इसलिए किस से कहें। गर्मी के अभी तो काफी दिन बचे हुए और गुना जिले के चाचौड़ा कुभराज और धरनावदा के 10 गांवों में जल संकट गर्मी से पहले ही दस्तक दे चुका है। इन दोनों विधानसभाओं की बात करें तो करीबन 1000 से अधिक पीएचई विभाग के शासकीय पंप पानी की जगह सिर्फ हवा ही छोड़ रहे हैं।
लेकिन गुना जिले का PHE विभाग इन बंद पड़े हैडपंपों को रिपेयर करना तो दूर इनकी तरफ देखता भी नहीं है, ना ही उनके कर्मचारी कभी इन को रिपेयर करने आते हैं। इसका खामियाजा यहां के ग्रामीण अंचल के लोगों को उठाना पड़ता है। रोजाना एक से दो किलोमीटर दूर से ग्रामीण अंचल के लोग अपने सर पर पानी ढोकर लाते हैं जिससे कि वह अपनी प्यास बुझा सकें। वहीं पीएचई विभाग लाखों करोड़ों रुपए खर्च करता है लेकिन कागजों में ही यह सब रिपेयरिंग और कार्यवाही चलती रहती हैं। जमीनी स्तर पर जब जाकर देखते हैं तो सच्चाई कुछ और ही देखने को मिलती है इससे यह साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं शासकीय कर्मचारी और बड़े अधिकारीयो को एक मोटी रकम अपनी जेब में भर रहे हैं और प्रशासन को और शासन को कागजों पर चूना लगाया जा रहा है। भील समुदाय और मीणा समुदाय के लोग हजारों की तादाद में कुभराज क्षेत्र में बसे हुए हैं लेकिन पानी की समस्या से लोग लोग परेशान होने लगे हैं। गर्मियों में राजस्थान से लगे इन दो दर्जन गांवो में भारी जलसंकट गहरा रहा है जिसकी यह लोग कई बार गुना कलेकटर एस विश्वनाथन से शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। वहीं धरनावदा क्षेत्र की बात करें तो यहां से सिंधिया के चहेते विधायक महेंद्र सिंह सिसोदिया वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं लेकिन वह तो अधिकारियों से बात करने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं। चाचौड़ा क्षेत्र से वर्तमान में भी हैं जो विकास के दावों की बात करें तो वर्तमान में दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा से विधायक हैं और विकास को लेकर बड़ी-बड़ी वादें करते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर भील ओर जाटव समुदाय के लोगों में आज तक विकास कोसों दूर है। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बनने के 15 साल पूरे कर रहे हैं और इस तरह की तस्वीरें और ऐसे हालात सामने आते हैं तो लगता है कि सब झूठे है।