गुना, डेस्क रिपोर्ट। गुना पुलिस अधीक्षक ने अजाक थाने में पदस्थ आरक्षक परमानंद शर्मा को जांच के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जांच में आरक्षक के खिलाफ तमाम सबूत मिले जिसके बाद सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाही की गई। दरअसल आरक्षक परमानंद शर्मा ने एक महिला गुलाब बाई को राहत राशि दिलवाए जाने के मामले में 40 हजार रुपये की मांग की थी, गुलाब बाई को शासन की योजनाओं की राशि में से फरयादी महिला को डरा धमकाकर 40 हजार रुपये ले लिए थे, इसकी शिकायत बाद में गुलाब बाई ने पुलिस अधीक्षक के की थी और सबूत भी दिए थे।
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जिसके बाद जांच कमेटी ने भी जांच के बाद आरक्षक को इस मामले में दोषी पाया था, इस मामले में फरियादिया गुलाब बाई की रिपोर्ट पर से आरक्षक परमानंद शर्मा के विरुद्ध थाना कोतवाली गुना मे भ्रष्टाचार अधीनियम की धारा 7 के तहत प्रकऱण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था एवं आरक्षक के विरुद्ध अन्य विभागीय कार्यवाही प्रचलन मे ली जाकर जांच के निर्देश दिये गये थे । मामले की संपूर्ण जांच से पाया गया कि अत्यंत कमजोर वर्ग को राहत देने के लिये शासन की ओर से चलाई जा रही योजना मे अपने पद का दुरुपयोग करते हुये आरक्षक परमानंद शर्मा द्वारा फरियादिया गुलाब बाई से अवैधानिक रुप से राशि प्राप्त कर पुलिस की छवि धूमिल की गई और आरक्षक द्वारा फरियादिया गुलाब बाई से लूट का प्रयास किया जाना प्रमाणित करता है कि आरक्षक द्वारा पुलिस कर्माचारी के रुप मे उसे प्रदत्त शक्तियों का अपने निजी हित मे दुरुपयोग किया जाना एवं कमजोर वर्गों के लिये शासन की योजनाओं की राशि मे से आरक्षक द्वारा फरियादिया को डरा धमकाकर राशि प्राप्त करना सामने आने पर, अत्यंत कमजोर वर्ग को राहत देने के लिए बनाई गई योजनाओं में मिलने वाली राशि के लिए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला से 40 हजार वसूले। रिपोर्ट सामने आने के बाद मंगलवार को गुना एस पी ने आरक्षक को सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही की है।