गोवर्धन पूजा : ग्वाल समाज ने गोबर से बनाए गोवर्धन पर्वत, पारंपरिक तौर से की पूजा-अर्चना

Lalita Ahirwar
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बैतूल, वाजिद खान। बैतूल में आज गोवर्धन पूजा को पारम्परिक तौर पर हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। खुदको भगवान श्री कृष्ण का वंशज बताने वाले ग्वाल समाज ने टिकारी क्षेत्र में पुराना अस्पताल केम्पस और ग्वाल समाज के मोहल्ले में लोगों ने जमा होकर सांकेतिक रूप से गोवर्धन पर्वत बनाया और इसकी पूजा अर्चना की। इस दौरान हर्ष, उल्लास के लिए पटाखे फोड़े गए।

गोवर्धन पूजा : ग्वाल समाज ने गोबर से बनाए गोवर्धन पर्वत, पारंपरिक तौर से की पूजा-अर्चना

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ग्वाल समाज के लोगों ने परंपरा के बारे में बताते हुए कहा कि ऐसी मान्यता है कि जब भगवान इंद्र ने नाराज़ होकर जमकर वर्षा की तब भगवान श्री कृष्ण के पास पहुंचे और उन्होंने वर्षा से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। तब से ही यह परम्परा दीपावली के दूसरे दिन गोबर से सांकेतिक पर्वत बनाकर मनाई जाती है। लोगों का विश्वास है कि इस सांकेतिक गोवर्धन पर्वत में निरोगी काया होने के चलते छोटे बच्चों को इसमे लेटाया जाता है, जिससे बच्चे स्वस्थ और निरोगी रहते हैं। इस दौरान पूजा में समाज के बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी भगवान श्री कृष्ण का गुणगान और पूजा अर्चना करते हैं।


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