ग्वालियर, अतुल सक्सेना । ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ( In charge Minister Gwalior Tulsiram Silawat) आज रविवार को ग्वालियर पहुंचे। हवाई अड्डे पर भाजपा(BJP) नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया के दौरे को लेकर पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं ग्वालियर की जनता में भी उत्साह है। कांग्रेस के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस बची ही कहाँ है ?
मध्यप्रदेश के जल संसाधन और ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट 6 दिवसीय प्रवास पर आज रविवार को ग्वालियर पहुंचे। राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल पर भाजपा नेताओं ने प्रभारी मंत्री का स्वागत किया। विमानतल पर मीडिया से बात करते हुए प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री बनने के बाद पहली बार ग्वालियर आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और क्षेत्रीय जनता में इसे लेकर काफी उत्साह है।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के दौरे को लेकर कांग्रेस (Congress) के विरोध के एलान के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में कांग्रेस बची ही कहाँ है वो तो धरातल में चली गई है। विमानतल पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह एसपी अमित सांघी से बात करने के बाद प्रभारी मंत्री विमानतल से सीधे डबरा के लिए रवाना हो गए।
ग्वालियर आने के बाद निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट विमानतल से सीधे डबरा के लिए रवाना हो गये वे यहाँ स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेंगे। श्री सिलावट डबरा में बैठक व अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद वापस ग्वालियर लौटेंगे। 19, 20 व 21 सितंबर को ग्वालियर प्रवास पर रहकर विभिन्न स्थानीय कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रभारी मंत्री श्री सिलावट 22 सितंबर को प्रातः 9:30 बजे सड़क मार्ग से मुरैना जिले के अंतर्गत चंबल ब्रिज के लिए रवाना होंगे और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया के साथ श्री सिलावट वापस ग्वालियर आएँगे। वे केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया के 22, 23 व 24 सितंबर को ग्वालियर में प्रस्तावित कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....