पुलिस के पास पहुंचा नाबालिग बोला- मेरा अपहरण हुआ है, पूछताछ में कहानी फर्जी निकली, पढ़ें पूरी खबर

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ भी परिजनों से ये अपील करता है कि वे बच्चों को पढ़ाई के लिए दबाव न बनायें खासकर परीक्षा एक दिनों में दोस्ताना व्यवहार रखें, घर का माहौल पॉजिटिव रखें जिससे वो अच्छे से अपनी परीक्षा से सके और यदि पेपर बिगड़ भी जाये तो तो उसे डांटे नहीं बल्कि उसे प्यार से समझाएं और अगले पेपर की तैयारी अच्छे से करने दें जिससे बच्चा कोई गलत कदम उठाने की सोच भी ना पाए।

Atul Saxena
Published on -
Gwalior News

Gwalior News : ग्वालियर में तैनात जीआरपी के अफसरों को उस समय एक जोरदार झटका लगा जब 15 साल के बच्चे ने उनके पास जाकर कहा कि उसका किसी ने अपहरण किया है उसे बचा लीजिये, पुलिस ने बच्चे को शांत किया उसे भरोसा दिलाया और फिर पड़ाव थाना पुलिस लेकर पहुंची , लेकिन जब फौरी तफ्तीश की तो उसने अपहरण की कहानी को पलट दिया, सबकुछ फर्जी निकला।

पुलिस के पास पहुंचा बच्चा बोला- मेरा अपहरण हुआ है

15 साल के एक बच्चे ने जैसे ही जीआरपी को अपहरण की कहानी सुनाई, अफसरों के कान खड़े हो गए तुरंत सीनियर अफसरों  को सूचना देकर रेलवे स्टेशन और स्टेशन के आसपास अपहरणकर्ताओं की तलाश शुरू की गई, आसपास पूछताछ की गई और फिर जैसे  सीसीटीवी फुटेज चैक किये सब सच सामने आ गया, बच्चे की कहानी झूठी और मनगढ़ंत निकली, जीआरपी ने फिर उसे पड़ाव थाना पुलिस को सौंप दिया।

शुरूआती जाँच ने कहानी निकली फर्जी 

पड़ाव थाने के सब इंस्पेक्टर संतोष सिंह ने बताया कि जीआरपी एक नाबालिग बच्चे को लेकर आई थी उसने बताया था कि उसका अपहरण हुआ है जब उससे अच्छे से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वो इटावा उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, 10वीं का छात्र है उसके पेपर चल रहे हैं, उसके अब तक हुए पेपर ख़राब हो गए और आज गणित का पेपर था जिसकी उसने तैयारी नहीं कर पाई तो घर वालों  की डांट के डर से भाग आया और अपहरण की झूठी कहानी बना दी।

10वीं के पेपर बिगड़ गए तो घर से भाग लिया, रची अपहरण की कहानी    

पुलिस ने बच्चे की बात सुनने के बाद उसे समझाइश दी और फिर उसके घर वालों का नंबर पूछा फिर फोन कर उन्हें ग्वालियर  बुलाया, परिजनों के पहुँचने के बाद पुलिस ने उन्हें बच्चा सुपुर्द कर दिया और उनसे कहा कि बच्चे को डांटे नहीं, यदि रिजल्ट बिगड़ता है तो उसे अच्छे से तैयारी करने के लिए कहें और मनोबल बढ़ाये।

एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ भी परिजनों से ये अपील करता है कि वे बच्चों को पढ़ाई के लिए दबाव न बनायें खासकर परीक्षा एक दिनों में दोस्ताना व्यवहार रखें, घर का माहौल पॉजिटिव रखें जिससे वो अच्छे से अपनी परीक्षा से सके और यदि पेपर बिगड़ भी जाये तो तो उसे डांटे नहीं बल्कि उसे प्यार से समझाएं और अगले पेपर की तैयारी अच्छे से करने दें जिससे बच्चा कोई गलत कदम उठाने की सोच भी ना पाए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News