Mon, Dec 29, 2025

Independence Day 2023 के शुभ अवसर पर ग्वालियर सेंट्रल जेल से बंदियों की रिहाई, बोले- समाज को एक अच्छा शहरी बनकर दिखायेंगे

Written by:Atul Saxena
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Independence Day 2023 के शुभ अवसर पर ग्वालियर सेंट्रल जेल से बंदियों की रिहाई, बोले- समाज को एक अच्छा शहरी बनकर दिखायेंगे

Gwalior News : देश आज आजादी की वर्षगाँठ मना रहा है, स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2023) का ये शुभ अवसर देश के लोगों के लिए खुशियों के पैगाम लेकर आया वहीं जेल की चार दीवारी में बंद कैदियों के लिए भी ख़ुशी का पल लेकर आया।  मप्र शासन के निर्णय के आधार पर ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद 21 बंदियों को आज रिहा किया गया, बंदियों ने खुली हवा में सांस लेते ही कहा कि वे अब एक अच्छा शहरी बनकर दिखायेंगे, उन्होंने समाज से अपील भी की कि कभी कोई ऐसा काम ना करे कि उसे जेल की सलाखों के पीछे आना पड़े।

ग्वालियर सेंट्रल जेल में मनाई गई आजादी की वर्षगांठ   

ग्वालियर सेंट्रल जेल का माहौल आज अन्य दिनों की तुलना में अलग था, जेल में भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, बंदियों ने भी देशभक्ति के भाव में रंगकर तिरंगे को सलामी दी। कार्यक्रम के बाद वो विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका बहुत से बंदियों को इंतजार रहता है, ये कार्यक्रम था बंदियों की रिहाई का कार्यक्रम।

21 बंदियों को जेल की चार दीवारी से मिली आजादी 

जेल प्रबंधन ने शासन के निर्देश पर 21 बंदियों को आज रिहा किया। जेल अधीक्षक विदित सरवैया ने बताया कि ये सभी बंदी हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा जेल में पूरी कर चुके हैं, इनके अच्छे चाल चलन को देखते हुए शासन ने इन्हें रिहा करने की अनुमति दी है।  रिहा किये गए बंदियों को समझाइश दी गई है वे अब जीवन में अपराध ना करें क्योंकि वे जेल में  सजा काटते हैं और उनका परिवार समाज में आपके किये अपराध की सजा भुगतते हैं।

बंदी बोले – अपराध से करेंगे तौबा अच्छा शहरी बनेंगे, क्रोध पर करेंगे नियंत्रण 

उधर रिहा होने वाले बंदियों ने भी कहा कि वे अब अपराध से तौबा करेंगे, अपने परिवार के लिए और समाज के लिए एक अच्छा शहरी बनाकर दिखायेंगे। बंदियों ने कहा कि अपने क्रोध पर काबू करना सबको आना चाहिए क्योंकि यही क्रोध आपसे अपराध करवाता है, उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि जीवन की कोई कभी ऐसा काम ना करे कि उसे जेल की सजा भुगतनी पड़े।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट