ग्वालियर। विश्व बैंक पोषित मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तहत जीवाजी विश्वविद्यालय को 16.5 करोड़ रुपये की बड़ी ग्रांट मिलने वाली है। इसकी मदद से विश्वविद्यालय के 8 विब्जग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेंगे। इस राशि से इन विभागों में पढ़ाई कराई जाएगी और रिसर्च वर्क होगा।
जानकारी के अनुसार इस परियोजना के तहत पिछले साल प्रदेश के 9 विश्वविद्यालयों ने उच्च शिक्षा विभाग को अपने विभागों में चल रही रिसर्च और प्रोजेक्ट्स का प्रजेंटेशन दिया था। जिसे देखने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों के 18 विभागों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की। इसमें ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय, भोपाल का बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय और इंदौर का देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय शामिल हैं। खास बात ये है कि 18 विभागों में सबसे अधिक 8 विभाग जेयू के है जबकि बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल के 7 और देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर के तीन विभाग शामिल हैं। तीनों विश्वविद्यालयों को कुल 29.37 करोड़ रुपये की ग्रांट मंजूर हुई है जिसमें जीवाजी विश्वविद्यालय को16.5 करोड़ रुपये की ग्रांट मिलेगी और जेयू को इस राशि को एक साल में रिसर्च वर्क और पढ़ाई पर खर्च करने होंगे।