क़तर में शेष बचे एक पूर्व नेवल ऑफिसर का ग्वालियर से गहरा नाता, बहन ने पीएम मोदी से की जल्दी वापस लाने की अपील

उन्होंने कहा कि उनके भाई पर ट्रेवल बेन है इसलिए वे अभी भारत वापस नहीं आ पाए हैं हम प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करते हैं कि वे जितना जल्दी हो सके उनकी वापसी करवाएं,  डॉ मीतू भार्गव ने कहा कि हम खुश तो बहुत हैं भाई से बात भी हुई , वो स्वस्थ है , ये ख़ुशी अभी अधूरी है , जब भाई घर वापस आ जायेगा तब ख़ुशी पूरी हो जायेगी।

Atul Saxena
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Gwalior News : भारतीय नौ-सेना के 8 पूर्व अधिकारियों की रिहाई की खबर ने आज देश को अलग ख़ुशी दी, भारत की विदेश नीति और कूट नीति के चलते ये सभी अधिकारी रिहा हो पाए उनके परिवारों की ख़ुशी की कोई सीमा नहीं थी , क़तर की सरकार ने आठों भारतीय अधिकारियों को रिहा कर दिया लेकिन उनमें से एक को छोड़कर 7 भारत लौट आये, जो पूर्व नौ-सेना अधिकारी कतर से नहीं लौटे उनकी बहन से पीएम मोदी से उन्हें शीघ्र वापस लाने की अपील की है।

पीएम मोदी, विदेश मंत्री और क़तर के अमीर का शुक्रिया 

क़तर से रिहा हुए आठ नौसेना अधिकारियों से केवल पूर्व नेवल कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अभी क़तर में ही हैं उनकी रिहाई तो हो गई है लेकिन भारत वापसी नहीं हुई है, पूर्णेंदु तिवारी का ग्वालियर से भी गहरा रिश्ता है, उनकी बहन डॉ मीतू भार्गव ग्वालियर में रहती हैं, उन्होंने सभी पूर्व अधिकारियों की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और क़तर के अमीर की तारीफ की और धन्यवाद दिया ।

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अभी ख़ुशी अधूरी 

उन्होंने कहा कि उनके भाई पर ट्रेवल बेन है इसलिए वे अभी भारत वापस नहीं आ पाए हैं हम प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करते हैं कि वे जितना जल्दी हो सके उनकी वापसी करवाएं,  डॉ मीतू भार्गव ने कहा कि हम खुश तो बहुत हैं भाई से बात भी हुई , वो स्वस्थ है , ये ख़ुशी अभी अधूरी है , जब भाई घर वापस आ जायेगा तब ख़ुशी पूरी हो जायेगी।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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