ग्वालियर।अतुल सक्सेना| गलवान घाटी में LAC पर चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में 22 सैनिकों की शहादत से देश गुस्से में उबल रहा है। अब हर देशभक्त नागरिक चीन को आर्थिक मोर्चे पर जवाब देना चाहता है। इसीलिए चीनी सामान का चौतरफा बहिष्कार हो रहा है साथ ही चीन के ठेके निरस्त करने की मांग की जा रही है। इसी कड़ी में ग्वालियर नगर निगम में कचरा प्रबंधन का काम देख रही चीन की कंपनी ईको ग्रीन के खिलाफ सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया और ठेका निरस्त करने की मांग की गई।
चीन के धोखे का जवाब सरकार कूटनीतिक और राजनैतिक मोर्चे पर केंद्र सरकार दे रही है लेकिन देश की जनता और आर्थिक मोर्चे पर चीन की कमर तोड़ना चाहता है। पिछली सरकार के समय की गई हथियार नहीं चलाने की संधि में बंधे भारत के निहत्थे सैनिकों पर धोखे सर हमला कर चीन ने बता दिया कि धोखा करना इसकी आदत है। लेकिन अब सरकार, सेना और देश की जनता उसे सामने से हर मोर्चे पर जवाब दे रही है। चीनी सामान के बहिष्कार और चीनी कंपनियों के ठेके निरस्त करने की कड़ी में ग्वालियर के लोगों ने भी विरोध जताया और चीनी कंपनी का ठेका निरस्त करने की मांग की।
चीन की कंपनी ईको ग्रीन के पास है कचरा प्रबंधन का काम
ग्वालियर नगर निगम द्वारा शहर का कचरा उठाने और इसके प्रबंधन का काम चीन की कंपनी ईको ग्रीन को दे रखा है। चीन की हरकतों के बाद शुक्रवार को शहर के सामाजिक संगठनों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए सामाजिक संगठन परफेक्ट ह्युमिनिटी, महादेव समर्पण सेवा संस्थान, राधा रानी फाउंडेशन, नवयुवक सामाजिक एवं पर्यावरण समिति के कार्यकर्ताओं ने ईको ग्रीन कंपनी के शारदा विहार कॉलोनी स्थित कार्यालय के बाहर धरना देकर विरोध जताया और कंपनी का ठेका निरस्त करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन एसडीएम अनिल बनवारिया को सौंपा। धरना देने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता, हरिमोहन, गोपाल गुप्ता पहारिया, डॉ रेणु छारी, अंजलि, राधा सैनी, सरिता जैसवाल, पूनम धाकड़, प्रिंस श्रीवास्तव, जुबैर खान, प्रह्लाद पटेल, राहुल जाटव, सिद्धांत कुशवाह और मुजीब खान शामिल थे।