वो रात के अँधेरे में आती है डोर बेल बजाती है और गायब हो जाती है, कौन है वो…. दहशत में लोग

महिला को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाएँ चल रही हैं कोई भूत प्रेत कह रहा है तो कोई किसी गैग की सदस्य मानकर दहशत में है, मोहल्ले के लोग कोशिश कर रहे हैं कि इस महिला का किसी तरह पता चल सके कि ये कौन है और इसके इरादे क्या हैं?

Gwalior News : हिंदी फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि कोई महिला रात के अँधेरे में आती है ..कुछ दूर चलती दिखाई देती है और फिर गायब हो जाती है.. हाल ही में आई राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की फिल्म “स्त्री” में भी एक महिला रत को आती है और पुरुषों को गायब कर खुद गायब हो जाती है उसे देखकर लोग दरवाजे बंद कर लेते हैं, लगभग ऐसा ही मामला ग्वालियर में सामने आया है।

ग्वालियर शहर के ग्वालियर थाना क्षेत्र की राजा की मंडी मोहल्ले के लोग इन दिनों एक महिला के कारण दहशत में हैं दो दिन पहले 20 मार्च की रात ये महिला आई, इसने कई घरों की डोर बेल बजाई और गायब हो गई, चूँकि रात अधिक थी तो लोग जब दरवाजे पर पहुंचे तो कोई दिखाई नहीं दिया लेकिन जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज चैक किये तो घबरा गए।

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घंटी बजाई,गायब हो गई, जानवर भी भाग खड़े हुए 

सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया कि एक महिला मोहल्ले में अति दिखाई दे रही है वो एक एक कर की घरों की घंटी बजाती है और फिर तेज क़दमों से गायब हो जाती है, खास बात ये है कि उस महिला को देखकर मोहल्ले में खड़े जानवर (गाय, सांड आदि) भी भागने लगते हैं।

बड़ा सा दुपट्टा ओढ़े आती है 

महिला एक बड़ा सा दुपट्टा लिए हुए चेहरे को ढंकी हुई दिखाई दे रही है, रात होने के कारण सीसीटीवी फुटेज में उसका चेहरा तो साफ दिखाई नहीं दिया लेकिन उसकी कद काठी जरुर लम्बी दिखाई दे रही है, अब लोग दहशत में हैं कि कहीं ये महिला किसी गैंग की सदस्य तो नहीं , कहीं ये लूट या चोरी के इरादे से तो नहीं आई है?

क्षेत्र के लोग दहशत में, पुलिस कर रही तलाश 

हालाँकि इस महिला की शिकायत किसी ने पुलिस में नहीं की है लेकिन वायरल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस जरुर एक्टिव हो गई है, एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने कहा कि ग्वालियर थाने के टी आई को निर्देशित किया गया है कि रात की गस्त बढ़ा दें और पता करें कि ये महिला कौन है?

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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