अमानवीय सिस्टम: अंबाह थाने ने भगाया… मुरैना अस्पताल ने किया ग्वालियर रेफर, 80 % झुलसी गैंगरेप पीड़िता को लेकर भटकता रहा पति…

महिला के पति ने कहा कि वो जेल से अभी छूटकर आया है वो घर पर नहीं था उस समय उसकी पत्नी राजीनामे के लिए चांदपुर गई थी और उसके साथ ये घटना हो गई, उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मुझे थाने वालों ने गाली देकर भगा दिया , मुरैना अस्पताल वालों ने भी इलाज नहीं किया अब ग्वालियर में पत्नी भर्ती है।

Atul Saxena
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Gwalior News

Gwalior News : मुख्यमंत्री के निर्देश, शासन के आदेश उस सिस्टम के आगे कितने बेबस हो जाते हैं जिसमें काम करने वालों की संवेदना ही मर गई हो, इसका एक ताजा उदाहरण सामने आया है। हम जिस खबर का यहां जिक्र करने जा रहे है उसे लिखते समय हमारे सिर्फ हाथ ही नहीं कांप रहे बल्कि बहुत गुस्सा भी आ रहा है।, हम उस महिला के साथ हुए गैंगरेप और फिर उसे आग के हवाले किये जाने की पीड़ा को कम तो नहीं कर सकते लेकिन मरे हुए और अमानवीय सिस्टम की कहानी आपको जरुर बता सकते हैं।

पति पर आरोप लगाने वालों से समझौते करने गई थी पत्नी  

दर असल ये मामला मुरैना जिले की अंबाह तहसील के चांदपुर गांव का है, जहाँ एक पत्नी अपने पति पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला और उसके परिवार के पास समझौता करने के लिए गई थी, उसका मानना था कि उसके पति को झूठा फंसाया गया है वो जेल से हाल ही में छूटकर आया है राजीनामा कर लिए जाये जिससे उसका शेष जीवन अच्छे से गुजर जाये।

तीन लोगों ने किया सामूहिक दुष्कर्म , आग लगाई 

मगर महिला अपने पति को बचाने के लिए जिनके पास गई थी उनपर तो शैतान सवार था, उस घर में मौजूद गौतम, राकेश और मदन ने उसके साथ मारपीट की, उसके साथ दुष्कर्म किया, जब वो बचकर भागी तो राखी और उसकी चाची ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी और उसे जलता हुआ छोड़कर भाग गए।

पुलिस थाने ने भगाया, डायल 100 ने अस्पताल पहुंचाया 

कल दिन में करीब 4 बजे हुई इस घटना को गांव के लोग देखते रहे लेकिन कोई महिला को बचाने नहीं आया। किसी ने महिला के पति सुरेश सिंह सखवार को घटना की सूचना दी, वो भाग कर चांदपुर पहुंचा, पत्नी को जली ही हालत में देखकर उसकी चीख निकल गई।  वो भागकर अंबाह थाने गया पुलिस से गुहार लगाई लेकिन वहां से उसे भगा दिया गया, फिर उसने डायल 100 को फोन किया जिसकी मदद से उसे अंबाह अस्पताल  लेकर गया।

80 % जली महिला को मुरैना अस्पताल ने ग्वालियर रेफर किया 

महिला करीब 80 प्रतिशत तक जली हुई थी, अंबाह डिस्नेपेंसरी ने उसे तत्काल मुरैना जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन महिला की गंभीर हालत को देखकर मुरैना जिला अस्पताल के डॉक्टर्स ने उसे ग्वालियर रेफर कर दिया। मतलब एक 80 प्रतिशत तक जली और शैतानों की हवस का शिकार गर्भवती महिला की हालत को देखकर ना पुलिस का दिल पसीजा न मुरैना के डॉक्टर्स ने उसके इलाज के लिए गंभीरता दिखाई।

पति ने एम्बुलेंस में बनाये वीडियो, पत्नी का बयान पुलिस को सौंपा  

महिला को ग्वालियर के जयारोग्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है, इसमें एक बात जो ऐसी हुई है जिसे ठीक कहा जा सकता है वो ये कि मुरैना से ग्वालियर आते समय रास्ते में पति ने महिला के वीडियो बना लिए और उसके साथ हुए  पूरे घटनाक्रम को रिकॉर्ड कर लिया और पुलिस को सौंप दिया , ग्वालियर में महिला के पति मीडिया को पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी।

दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली महिला से था पति का अफेयर   

महिला के पति सुरेश सिंह सखवार ने मीडिया को बताया कि जिस महिला ने उसपर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया है उससे उसका अफेयर था वो जिद करने लगी थी कि अपनी पत्नी को छोड़ दे और उसके साथ रहे, लेकिन मैंने मना कर दिया। उसने मुझसे लाखों रुपये भी ले लिए फिर भी झूठा केस लगा दिया। सुरेश ने कहा कि मेरे एक बेटी और एक बेटा है, पत्नी गर्भवती है मैं उन्हीं के साथ रहना चाहता हूँ लेकिन ये लोग दबाव बना रहे हैं।

उसने कहा कि वो जेल से अभी छूटकर आया है वो घर पर नहीं था उस समय उसकी पत्नी राजीनामे के लिए चांदपुर गई थी और उसके साथ ये घटना हो गई, उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मुझे थाने वालों ने गाली देकर भगा दिया , मुरैना अस्पताल वालों ने भी इलाज नहीं किया अब ग्वालियर में पत्नी भर्ती है।

बहरहाल पुलिस या फिर अस्पताल के लिए एक रूटीन केस हो सकता है लेकिन असल में ये अमानवीय हो रहे सिस्टम की वो तस्वीर है जो नेताओं को दिखाई नहीं देती या फिर वे इसे देखकर भी आँखें बंद किये हुये है, सरकार भी आदेश देकर चुप हो जाती है। महिला सुरक्षा, महिला सम्मान, महिला सशक्तिकरण, आधी आबादी को न्याय ये बड़े बड़े शब्द रोज कानों में सुनाई देते हैं लेकिन आज ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की क्या स्थिति है ये घटना उसका एक ज्वलंत उदाहरण है जिसपर सरकार को कोई कड़ा एक्शन लेना चाहिए।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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