सेवड़ा, राहुल ठाकुर। ग्वालियर भिंड जिले दतिया जिले व उत्तर प्रदेश की सीमाओं को जोड़ने वाला एकमात्र ब्रिज जो 1 वर्ष पहले सिंध नदी में आने वाली बाढ़ से ढह गया था जिसके चलते संकुआ धाम स्थित कई छोटे-बड़े मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए थे तब से लेकर आज तक कई नेता व पदाधिकारी आए लेकिन इसकी ओर किसी ने बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेदारी नहीं दिखाई नतीजा यह हुआ कि 1 वर्ष होने के बाद भी इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि मौन साधे हुए हैं जबकि यह समस्या ज्वलंत समस्या है जिससे कहीं न कहीं सेबड़ा नगर का खुद का विकास मानो थम सा गया है और सेवड़ा नगर के आमजन दिन प्रतिदिन आर्थिक मार झेल रहे हैं और अब उनकी नाराजगी सामने आने लगी है।
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कई बार दिया गया ज्ञापन व धरना
सेवड़ा नगर के बहे इस पुल के निर्माण व ध्यानाकर्षण कराने के उद्देश्य कई बार विभागीय स्तर से लेकर जिला स्तर व भोपाल मुख्यालय तक कई सामाजिक संस्थाओं व आमजन के द्वारा ज्ञापन तक दे दिए गए लेकिन इन सब ज्ञापन का असर फाइलों में ही दब कर रह गया लेकिन आज तक पुल के निर्माण को लेकर कोई सुनवाई तक नहीं हुई।
सोशल मीडिया पर भड़क रहा आमजन का गुस्सा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप, फेसबुक पर तमाम स्तरों से जनता द्वारा जनप्रतिनिधियों पर तमाम तंज कसे जा रहे है और यहां तक भी कहा जा रहा है जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए नहीं सोचेगा उसका हम सब मिलकर विरोध करेंगे समाजसेवी सेवड़ा भूपेंद्र सिंह राणा के द्वारा मीडिया से चर्चा करते हुए बताया गया कि जाको मारे सो रोये, बंदा पांव पसारे सोए। 1 वर्ष हो गया आज तक सेवड़ा का पुल टूटे हुए न नेता जागे ना मंत्री जागे धिक्कार है ऐसे जन नायकों पर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की सीमाओं को जोड़ने वाला सेवड़ा नगर का सेतु जो सबकी ही मूल आवश्यकता थी जिस पर से सभी धर्म गुजरते हैं सभी दल गुजरते हैं हम गुजरते हैं खास गुजरते हैं शासन गुजरा सत्ता गुजरी पर आज उसकी ही सुनवाई नहीं।