ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के भाजपा (BJP) में आने के बाद जैसे पूरा महल यानि जयविलास पैलेस भाजपामय हो गया। जिसके बाद भाजपा के मंच पर बड़े महाराज यानि स्व माधव राव सिंधिया (MadhavRao Scindia) की तस्वीर भी रहती है। ग्वालियर में भी भाजपा सदस्यता ग्रहण समारोह के मंच पर ये तस्वीर दिखी। जिसे लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने तंज कसा है कि स्व माधव राव सिंधिया जीवनभर कांग्रेसी रहे लेकिन बेटे ने मरने के बाद उनकी पार्टी बदल दी। उधर रविवार को युवक कांग्रेस के धरने में नेता माधव राव सिंधिया की तस्वीर लेकर बैठे थे।
भारतीय जनता पार्टी के मंचों पर कुछ समय पहले तक श्यामा प्रसाद मुखर्जी, कुशाभाऊ ठाकरे, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, अटल बिहारी वाजपेयी जैसे पुरोधाओं की तस्वीरें होती थी और नेता इनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम शुरू करते थे लेकिन जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में लिए हैं तब से मंच पर स्व माधव राव सिंधिया की तस्वीर भी लगने लगी है। अब भाजपा के नेता इस तस्वीर पर भी अपने नेता की तरह ही पुष्प अर्पित करते हैं। ग्वालियर में आयोजन भाजपा के तीन दिवसीय संभागीय सदस्यता ग्रहण समारोह में शनिवार और रविवार को सभी मंचों पर “बड़े महाराज” यानि स्व माधव राव सिंधिया की तस्वीर दिखाई दी।
भाजपा के मंच पर स्व माधव राव सिंधिया की तस्वीर पर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एवं ग्वालियर चंबल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने ट्वीट कर तस्वीर के बहाने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा है। केके मिश्रा ने ट्वीट में लिखा कि “स्व माधव राव पहले नेता हैं जिन्होंने मरणोपरांत पार्टी बदली! वे जीवन भी सच्चे कांग्रेसी रहे, पर दगाबाज बेटे ने उनकी भी पार्टी बदल दी! उनकी आत्मा जहाँ भो होगी दर्द से कराह रही होगी। किसी बेटे के हाथों इससे बड़ा अत्याचार नहीं हो सकता। उधर कांग्रेस अभी भी स्व माधव राव सिंधिया को अपना नेता मानती है। इसका प्रमाण रविवार को भी देखने को मिला।
दर असल रविवार को रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर भाजपा के अयोजन के खिलाफ युवा कांग्रेस का धरना था जिसमें शामिल युवा नेता, सरदार भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्व इंदिरा गांधी की तस्वीरे के साथ स्व माधव राव सिंधिया की तस्वीर भी लिए थे उनका कहना था कि बड़े महाराज स्व माधव राव सिंधिया जी कांग्रेस के नेता थे। इसलिए हम उनकी तस्वीर अपने साथ रखते हैं यानि इस समय भाजपा और कांग्रेस दोनों ही स्व माधव राव सिंधिया को अपना अपना नेता कह रहे हैं।
बहरहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद इस समय महल यानि जय विलास पैलेज भाजपामय हो गया है। सिंधिया की दादी राजमाता विजया राजे सिंधिया भाजपा की संस्थापकों में से एक थी, बड़ी बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रहे चुकी हैं वे भाजपा की बड़ी नेता हैं। छोटी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं।
स्व.माधवराव सिंधिया पहले नेता हैं,जिन्होंने मरणोपरांत पार्टी बदली!वे जीवनभर सच्चे कांग्रेसी रहे,पर दगाबाज बेटे ने उनकी भी पार्टी बदल दी! उनकी आत्मा जहाँ भी होगी, दर्द से कराह रही होगी। किसी बेटे के हाथों इससे बड़ा अत्याचार नहीं हो सकता! @JM_Scindia@ChouhanShivraj@OfficeOfKNathpic.twitter.com/FbnbKCaEZE