भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल सत्ता में रहने वाली पार्टी भाजपा की विदाई होने के साथ ही पार्टी के अंदरखाने घमासान शुरू हो गया है| जगह जगह से विरोध के स्वर फूटने लगे हैं और संगठन से लेकर पार्टी पदाघिकारियों पर सवाल उठ रहे है, वहीं टिकट वितरण में चूक और नेता पुत्रो को तरजीह देने से अब पार्टी का आम कार्यकर्ता खुलकर पार्टी की नीतियों को कटघरे में खड़ा कर रहा है| खबर ग्वालियर से है जहां भाजपा के विशेष आमंत्रित सदस्य एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने भितरघात और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को पत्र लिखा है और अपनी नाराजगी जाहिर की| इस पत्र में उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों की हार के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप भी तोमर और पूर्व मंत्री माया सिंह और उनके पति ध्याने���्द्र सिंह पर लगाया है|
बीजेपी अध्यक्ष को लिखे पत्र में भदौरिया ने कहा है कि सत्ता के लालची इच्छाधारी नेता परिवारवाद तथा स्वयं की महत्वाकांक्षा के चलते पार्टी के ही विरुद्ध षड्यंत्र रचने से नहीं चूकते| ग्वालियर चंबल संभाग में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने अपने पुत्रों को राजनीति में स्थापित करने के उद्देश्य से ऐसा ही षड्यंत्र कर दिमनी जिला मुरैना विधानसभा क्षेत्र से जानबूझकर कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिलाया ताकि प्रत्याशी इस बार हारने के बाद उनकी एक पुत्र को वहां स्थापित किया जा सके| वहीं ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से अपने दूसरे पुत्र को स्थापित करने के लिए उन्होंने स्वयं भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया के विरुद्ध षड्यंत्र रचा और उनके स्वयं के बफादार नेताओं ने खुलकर कांग्रेसी प्रत्याशियों के समर्थन में कार्य किया| उन्होंने लिखा है कि ऐसा ही ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में हुआ भाजपा की माया सिंह एवं उनके पति पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह ने एवं स्वयं के वफादार जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा एवं उनकी पूरी कार्यकारिणी ने भाजपा प्रत्याशी को हराने का कार्य किया है|
भदौरिया ने कहा है कि हम जैसे कार्यकर्ताओं को एक ही मूल मंत्र है दिया जाता है कि पार्टी में रहकर देश के कल्याण के लिए कार्य करें| लेकिन प्रधानमंत्री के बगल में बैठने वाले नरेंद्र तोमर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री माया सिंह एवं उनके पति ध्यान सिंह एवं महानगर जिला ग्वालियर की कार्यकारिणी द्वारा जो किया गया है उक्त कार्य से लाखों कार्यकर्ताओं का मन व्यथित है| क्या एकता के उद्देश्य सिर्फ कार्यकर्ताओं के लिए है, वरिष्ठ नेता चाहे अपने स्वार्थ के लिए कार्यकर्ताओं के विश्वास को रौंद दें| उन्होंने पत्र में इन नेताओं के खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई की मांग की है|