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Sun, Dec 21, 2025

करोड़ों की सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने के आरोप, एसडीएम की भूमिका सवालों के घेरे में

Written by:Atul Saxena
Published:
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करोड़ों की सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने के आरोप, एसडीएम की भूमिका सवालों के घेरे में

Gwalior News : सीएम शिवराज सिंह चौहान माफिया से सरकारी जमीन (government land)  मुक्त कराने में लगे हैं तो वहीं ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) पर सरकारी जमीन को खुर्द बुर्द करने के आरोप लगे हैं, मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है, सिंधिया समर्थक नेता एवं मप्र बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है। जिस जमीन को खुर्द बुर्द करने के आरोप लगे हैं उसकी कीमत 400 से 500 करोड़ रुपये के बीच बताई जा रही है।

400-500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन खुर्द बुर्द करने के आरोप

ग्वालियर शहर के मुरार क्षेत्र में रहने वाले रवि बघेल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत की है जिसमें उन्होंने लिखा कि ग्वालियर की सिटी सेंटर तहसील के गाँव डोंगरपुर में 42 सर्वे क्रमांक की 60 बीघा जमीन को भू माफिया ने सरकारी अधिकारियों से सांठ गाँठ कर हड़प लिया है, इस जमीन का वर्तमान अनुमानित मूल्य 400 से 500 रुपये है, इस पूरे मामले में क्षेत्र के एसडीएम सीबी प्रसाद की भूमिका संदेह के घेरे में है।

1953-54 से राजस्व रिकॉर्ड में मर्सी होम के नाम से दर्ज

शिकायती आवेदन में रवि बघेल ने बताया कि उक्त सर्वे क्रमांकों की जमीन सरकारी है जिसे मंद एवं अल्प बुद्धि दिव्यांग बच्चों की देखरेख के लिए गजरा राजे मेडिकल कॉलेज को 1952- 53 में आवंटित किया गया था जिसपर  मर्सी होम संचालित है, ये 60 बीघा भूमि 1953-54 से ही राजस्व रिकॉर्ड में गजरा राजे मेडिकल कॉलेज मर्सी होम के नाम से दर्ज है।

न्यायालय में शासन का पक्ष सही नहीं रखने के आरोप

इस सरकारी भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर ओवर ओवर राइटिंग कर प्राइवेट लोगों के नाम दर्ज कर दिया गया है, जमीन से जुड़े न्यायालयीन प्रकरण में शासन की तरफ से जो प्रतिनिधि न्यायालय में उपस्थित हुए उन्होंने शासन का पक्ष मजबूती से नहीं रखा जिस कारण शासन हाईकोर्ट तक में हार गया।

सुप्रीम कोर्ट में भी देरी की गई अपील, ख़ारिज हो गई

इतना ही नहीं इस मामले की अपील निश्चित समयावधि में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत नहीं की गई, समय सीमा निकल जाने के बाद की गई अपील को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया जिससे स्पष्ट होता है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों (कलेक्टर और एस डी एम) की भू माफिया को फायदा पहुँचाने में बड़ी भूमिका रही है।

शिकायत में चार लोगों पर विक्रय पत्र तैयार करने के आरोप

शिकायत में रवि बघेल ने लिखा कि इस बेशकीमती जमीन पर भू माफिया टाउन शिप बनाना चाहते हैं, इस जमीन पर इस समय श्रीमती प्रतिभा दुसेजा जानकी देवी झंवर, भरत झंवर, सुदर्शन झंवर आदि ने अपने हक़ में विक्रय पत्र तैयार कर लिए हैं और वे इस विक्रय पत्र के अधर पर नामांतरण करने के लिए प्रयासरत हैं इसलिए इस बेशकीमती सरकारी जमीन को संरक्षित किया जाना और इसे खुर्द बुर्द करने में भूमिका निभाने वाले शासकीय अधिकारियों की जांच की जाना बहुत आवश्यक है।

सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल ने की जांच की मांग

इस पूरे मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता और मप्र बीज निगम के अध्यक्ष पूर्व  विधायक मुन्नालाल गोयल ने भी संभाग आयुक्त को पत्र लिखकर कार्यवाही करने और विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को भेजने का अनुरोध किया है।

कलेक्टर ने शिकायत को निराधार बताया

उधर कलेक्टर कौशलेन्द्र  विक्रम सिंह ने इस शिकायत को निराधार बताया है, उनका कहना है कि आरोप गलत हैं, एक इंच भी शासकीय जमीन निजी हाथों में नहीं दी गई है ।