ग्वालियर। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानि साडा के तत्कालीन अध्यक्ष और भाजपा नेता जय सिंह कुशवाह सहित तत्कालीन सीईओ आदित्य सिंह तोमर और अन्य अधिकारी डीडी मिश्रा,एसके श्रीवास्तव , डीके शुक्ल और बीबी माथुर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। मामला काउंटर मैगनेट सिटी साडा में मोतीझील से गुप्तेश्वर पहाड़ी तक बनाई गई सड़क में लाखों रुपये के घोटाले से जुड़ा है। अपर सत्र न्यायाधीश रामजी शर्मा ने इअ मामले में भाजपा नेता जयसिंह कुशवाह,तत्कालीन आदित्य सिंह तोमर सहित इन सभी 6 लोगों को आरोपी बनाने के आदेश दिए हैं जिन्हें लोकायुक्त ने क्लीन चिट दे दी थी। आरोपियों को 10 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है काउंटर मैगनेट सिटी साडा में मोतीझील से गुप्तेश्वर पहाड़ी के नीचे तक सड़क निर्माण का ठेका प्रेस्टीजीयस कम्पनी को दिया गया था। ठेके की शर्त के अनुसार सड़क पर एक लेयर बिछानी थी जिसका भुगतान 18 लाख 90 हजार रुपए करना था। लेकिन अफसरों ने ठेकेदार को चार लेयर का 78 लाख 88 हजार 280 रुपये भुगतान कर दिया। इसके आलावा ठेकेदार से ठेके की 5 प्रतिशत सिक्योरिटी राशि भी जमा नहीं कराई गई। मामले की शिकायत राकेश सिंह कुशवाह नामक व्यक्ति ने लोकायुक्त में की। 2009-10 में हुए इस घोटाले में दस्तावेजों की जांच के बाद लोकायुक्त ने 2013 -14 में एफआईआर दर्ज कर ली जिसमें तत्कालीन साडा अध्यक्ष और भाजपा नेता जयसिंह कुशवाह,तत्कालीन सीईओ आदित्य सिंह तोमर सहित कुल 14 लोग आरोपी बनाये गए।
लोकायुक्त पुलिस ने जांच के बाद नवम्बर 2018 में कोर्ट में चालान पेश किया । जिसमें जयसिंह कुशवाह,आदित्य सिंह तोमर,डीडी मिश्रा,एसके श्रीवास्तव,डीके शुक्ल और बीबी माथुर के नाम नहीं थे जबकि एफआईआर में 14 आरोपियों के नाम थे। 6 लोगों को क्लीन चिट देने की वजह लोकायुक्त ने इनके खिलाफ कोई भी साक्ष्य नहीं मिलना बताया। लोकायुक्त के चालान में तत्कालीन सीईओ एमपी पटेल, तत्कालीन सीईओ बीके शर्मा, अधीक्षण यंत्री उमाशंकर मिश्रा, सहायक इंजीनियर अनिल सिंह,उप यंत्री अजीत जैन, लेखा अधिकारी एमके अग्रवाल और ठेकेदार बुद्धपाल पर आरोप बरक़रार रखे। मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश रामजी शर्मा ने लोकायुक्त की दलील को गलत माना और कहा कि अध्यक्ष होने के नाते जयसिंह कुशवाह एवं उस समय सीईओ होने के नाते आदित्य सिंह तोमर एवं सड़क निर्माण से सीधे जुड़े होने के कारण शेष 4 अधिकारियों को भी जिम्मेदारी बनती थी । इसलिए सभी 13 आरोपी 10 मई को कोर्ट में पेश किये जाये। मामले से जुड़े एक आरोपी की मौत हो चुकी है।