Gwalior News : मप्र शासन अरक्षित वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार के तरफ प्रेरित करने के लिए भी कई योजनायें चला रहा है अनुसूचित जनजाति के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये कई योजनायें चला रहा है जिसके तहत वो आर्थिक सहायता मुहैया करता है ऐसी ही दो योजनाओं के लिए शासन ने युवाओं से आवेदन मांगे हैं। शासन ने भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत युवाओं से आवेदन मांगे हैं।
मध्य प्रदेश शासन अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के युवाओं को भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है। इसके लिये ग्वालियर जिले के युवाओं से 31 दिसंबर तक आवेदन माँगे गए हैं। मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन पत्र ऑनलाइन पोर्टल samast.mponline.gov.in पर भरे जा सकते हैं। साथ ही इसकी हार्डकॉपी शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में जमा करनी होगी।
भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना 50 लाख रुपये तक का ऋण अनुदान
सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के युवा अपना उद्यम स्थापित करने के लिये एक लाख से 50 लाख रुपये तक का ऋण अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। नियमित भुगतान की शर्त पर सरकार द्वारा अधिकतम 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान देने के साथ-साथ गारंटी फीस भी दी जाती है। योजना के तहत जिले को पाँच इकाई का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत 18 से 45 आयु वर्ग के अनुसूचित जाति के ऐसे युवा लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक न हो। भगवान बिरसा मुण्डा योजना के तहत पाँच इकाईयाँ स्थापित कराने का लक्ष्य है।
टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना में एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता
इसी तरह टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। जिसके लिये सरकार द्वारा पाँच वर्षों तक ब्याज अनुदान एवं गारंटी फीस दी जाती है। इस योजना के तहत जिले में 47 युवाओं को लाभान्वित कराने का लक्ष्य है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के मध्य हो और परिवार आयकरदाता न हो। टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 47 इकाईयों का लक्ष्य मिला है।
विस्तृत जानकारी के लिए इस कार्यालय में करें संपर्क
ST वर्ग के जिस किसी युवा को भी अपना उद्यम स्थापित करना है वो इन योजनाओं के माध्यम से आर्थिक मदद चाहता है तो विस्तृत जानकारी के लिए शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।