ग्वालियर/अतुल सक्सेना
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जिस तरह से कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए थोकबंद तबादले किये थे अब ऐसे ही अब कांग्रेस थोकबंद नियुक्तियाँ कर रही है। पिछले दिनों ग्वालियर ग्रामीण की जिला इकाई में चार कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने वाली कांग्रेस ने मंगलवार को शहर जिला इकाई में भी चार कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर दिये। अब इन नियुक्तियों पर पार्टी में ही सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी नेताओं को नियुक्तियों का आधार समझ नहीं आ रहा।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर के हस्ताक्षर से चार नियुक्तियाँ मंगलवार को कांग्रेस ने की। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर ग्वालियर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में चार कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किये गए हैं। इनमें वरिष्ठ नेता महाराज सिंह पटेल, अमर सिंह माहौर, मोहन माहेश्वरी और युवा नेता इब्राहिम पठान के नाम शामिल हैं। प्रदेश कमेटी इससे पहले ग्वालियर ग्रामीण इकाई कांग्रेस में रंगनाथ तिवारी, सुल्तान रावत, पुष्पेंद्र जाटव और कल्याण कंसाना चार नेताओं को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त कर चुकी है।
एक ही विधानसभा से 3 को बनाया कार्यवाहक अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष को भी दी जिम्मेदारी
कांग्रेस में मंगलवार को हुई नियुक्तियों की अधिकृत सूचना ग्वालियर पहुंची और नाम सामने आये तो पार्टी में ही लोग नियुक्तियों का आधार तलाशने लगे। क्योंकि उपचुनावों के बीच हो रही नियुक्तियों में पार्टी के नेता चुनावी गणित ढूँढने लगे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। पीसीसी ने जिन नेताओं की नियुक्ति के आदेश जारी किये उनमें तीन नेता अमर सिंह माहौर, मोहन माहेश्वरी और इब्राहिम पठान तो ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में निवास करते हैं। यानि एक ही विधानसभा से तीन कार्यवाहक अध्यक्ष और बड़ी बात इनमें से इब्राहिम पठान पहले से ही ब्लॉक अध्यक्ष हैं और अब उन्हें जिले में कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है। चौथे कार्यवाहक अध्यक्ष महाराज सिंह पटेल जरूर ग्वालियर विधानसभा में निवास करते हैं। जबकि पार्टी ने ग्वालियर पूर्व विधानसभा को नजर अंदाज कर दिया। गौरतलब है कि उपचुनाव ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व विधानसभा में ही है जबकि ग्वालियर दक्षिण में तो विधायक प्रवीण पाठक पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सिंधिया के साथ नहीं जाने वालों को मिला इनाम, कार्यालय में दर्ज कराई आमद
मंगलवार को जो चार नियुक्तियाँ की गई उनमें से दो नेता मोहन माहेश्वरी और इब्राहिम पठान कट्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक रहे हैं लेकिन ये लोग सिंधिया के साथ नहीं गए। जिसका उन्हें इनाम मिला है। उधर अमर सिंह माहौर दिग्विजय सिंह समर्थक नेताओं में शामिल है जबकि महाराज सिंह पटेल भी दिग्विजय खेमें में ही गिने जाते हैं। ये बात अलग है कि कभी ये सिंधिया खेमे के नेता हुआ करते थे। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय माधव राव सिंधिया ने ही महाराज सिंह पटेल को यूथ कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बनवाया था। तब ये कट्टर सिंधिया समर्थकों मे गिने जाते थे लेकिन इनकी ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत ज्यादा पटरी नहीं बैठी। उसके बाद ये तटस्थ हो गए। दिग्विजय सिंह से जुड़े होने के कारण वरिष्ठ नेता अमर सिंह और महाराज सिंह को लंबे समय बाद जिले में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। चारों नेताओं ने पार्टी कार्यालय पहुंचकर जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा के सामने अपनी आमद दर्ज करा दी। बहरहाल अब ये समझ से परे है कि उप चुनावों के बीच कांग्रेस में हो रही नियुक्तियाँ उप चुनावों को देखते हुए हो रही हैं या चेहरे देखकर।