ग्वालियर। ग्वालियर लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान हुआ उसके बाद भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी अपनी जीत के दावे किये और जब 23 मई को परिणाम सामने आये तो चार महीने पहले सत्ता में आई कांग्रेस के दावों की हवा निकल गई।
ग्वालियर लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट की आठ विधानसभाओं में से भाजपा ने 6 पर कब्ज़ा किया और कांग्रेस केवल दो पर जीत पाई। भाजपा ने ग्वालियर,ग्वालियर पूर्व,ग्वालियर दक्षिण,ग्वालियर ग्रामीण,करैरा और पोहरी में जीत दर्ज की तो कांग्रेस के खाते में डबरा और भितरवार ही आई। तीन मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, लाखन सिंह यादव और इमरती देवी और चार विधायक मुन्नालाल गोयल, प्रवीण पाठक,सुरेश राठ खेड़ा और जसवंत जाटव मिलकर भी कांग्रेस को जीत नहीं दिलवा सके। अब यदि बात बूथ स्तर की करें तो कांग्रेस प्रत्याशी अशोक सिंह खुद अपना ही बूथ नहीं जीत पाए। अशोक सिंह केन्द्रीय विद्यालय में स्थित बूथ क्रमांक 127 के मतदाता थे। यहाँ कांग्रेस को 200 वोट मिले जबकि भाजपा को 421 वोट मिले। खास बात ये है कि इस बूथ पर IAS,IPS अधिकारियों के अलावा हाईकोर्ट जज और निगम अफसर भी वोट डालते हैं।
मंत्री जी के बूथ पर भी हारी कांग्रेस
कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बूथ पर भी कांग्रेस हर गई। तोमर के पोलिंग बूथ क्रमांक 291 पर कांग्रेस को 147 वोट मिले जबकि भाजपा को यहाँ 393 वोट मिले। यहाँ वोट डालने वालों का प्रतिशत भी कम रहा । इस पोलिंग पर 997 वोटर थे और वोट 540 ने ही डाले। ग्वालियर पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल भी बारादरी चौराहे पर बी ई ओ ऑफिस में बने दो पोलिंग बूथों पर कांग्रेस को नहीं जिता पाए जबकि गोयल इसी क्षेत्र के नेता हैं । कांग्रेस को इन बूथों पर 345 वोट मिले जबकि भाजपा को 489 वोट मिले। ग्वालियर दक्षिण विधायक प्रवीण पाठक के ���ोलिंग बूथ पर भी कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा । ढोली बुआ पुल के पास नगर निगम वर्क शॉप के पोलिंग बूथ क्रमांक 61 पर कांग्रेस को 200 वोट मिले जबकि भाजपा को 429 वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस का ये प्रदर्शन स्पष्ट बताता है कि गुटबाजी ने अपना काम कर दिया और भाजपा की एकता की जीत हो गई।