ग्वालियर कलेक्टर पर हमला,बदतमीजी और गनर की पिस्तोल छीनने का प्रयास, बीजेपी नेता पर मामला दर्ज

ग्वालियर,अतुल सक्सेना।भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकू राजावत के खिलाफ ग्वालियर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ कलेक्टर से बदतमीजी करने उनके गनर का शस्त्र छीनने का मामला दर्ज हुआ है। मुख्यमंत्री के दौरे के समय तीन दिन पहले का ही वाकया बताया जा रहा है।

ग्वालियर में रहने वाले आरक्षक चंद्रशेखर शर्मा ने महाराजपुरा थाने में एफ आई आर दर्ज कराई है। इसमें शासकीय कार्य में बाधा और शासकीय पिस्टल लूटने का प्रयास करने के लिए बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य विकू राजावत के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353 186 393 और 11/13 मध्य प्रदेश डकैती अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है। शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि वह ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की सुरक्षा में तैनात हैं और चौदहवी वाहनी की एक कंपनी में पदस्थ हैं। 15 सितंबर को ग्वालियर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में 4.15 बजे शाम पर जब मुख्यमंत्री का आगमन हुआ और वे सर्किट हाउस के लिए रवाना हुए तो विक्कू राजावत ने मुख्यमंत्री के कारकेड में सेंध लगाने की कोशिश की। जब शर्मा ने उसे रोकने का प्रयास किया तो वह हमलावर हो गया और मारपीट पर आमादा हो गया। इस पर कलेक्टर ने जब उसे समझाया तो कलेक्टर पर भी हमलावर हो गया और उन्हें अपशब्द कहने लगा। इतना ही नहीं उसने शासकीय हथियार को छीनने का प्रयास भी किया। रिपोर्ट लेट लिखाने का कारण शर्मा ने लगातार तीन दिन ग्वालियर चंबल संभाग में वीवीआईपी का मूवमेंट बताया है।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।