ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर के रवैये के आक्रोशित व्यापारी लामबंद, चेम्बर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में दिया धरना, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत

चेंबर अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि यदि निगम कमिश्नर सोचते हैं कि ये व्यापारी हैं इन्हें दबा लेंगे तो हम दूध देने वाली गाय जरुर हैं लेकिन इतना भी ध्यान रखें कि इस गाय के भी सींग हैं जरूरत पड़ने पर गाय सींग भी मारना जानती है।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर के रवैये से आक्रोशित व्यापारी आज धरने पर बैठ गए, उनका कहना था कमिश्नर ने उनको अपमानित किया है, हम इसकी शिकायत मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से करेंगे, व्यापारियों के साथ कमिश्नर अमन वैष्णव का ये व्यवहार अनुचित है।

मप्र चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक शहर में विसंगति पूर्ण गारबेज शुल्क, ट्रेड लायसेंस के लिए जबरिया दबाव एवं ट्रांसपोर्ट नगर की बदहाल सड़कों के सम्बन्ध में चेम्बर के नेतृत्व में व्यापारी आज नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने वाले थे, इसके लिए उन्हें शाम 5 बजे का समय दिया गया था।

तय समय पर मुख्यालय पर नहीं मिले निगम कमिश्नर 

नगर निगम कमिश्नर द्वारा दिए गए समय पर जब व्यापारी 5 बजे निगम मुख्यालय पर ज्ञापन देने पहुंचे लेकिन आयुक्त मुख्यालय पर नहीं मिले, उनका संदेश व्यापारियों को दिया गया कि वे बाल भवन में हैं, आप वहां पर जाकर भेंट कर लें। व्यापारी बाल भवन पहुंछे तो निगमायुक्त वहां भी नहीं मिले और उन्हें पुन: संदेश दिया गया कि आप निगम मुख्यालय पहुंचे निगमायुक्त वहीं आपसे मिलेंगे।

व्यापारियों को एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग भेजता रहा स्टाफ 

व्यापारी वापस निगम मुख्यालय पहुंचे उसके बाद पुन: व्यापारियों से कहा जाने लगा कि आप बालभवन चले जायें, इस पर व्यापारी भड़क गये और निगमायुक्त के इस तानाशाही पूर्ण रवैये का विरोध करते हुए व्यापारी वहीं धरने पर बैठ गये और निगम कमिश्नर के इस रवैये का विरोध किया। व्यापारियों के इस आक्रोश को देखते हुए अपर आयुक्त मुनीष सिकरवार व्यापारियों के बीच पहुंचे और क्षमा मांगी, इसके बाद उन्हें ज्ञापन दिया गया।

नाराज व्यापारी बोले मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत 

चेंबर अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने अन्य सदस्यों के साथ ज्ञापन देते हुए कहा कि निगमायुक्त का यह रवैया तानाशाही पूर्ण है और उनके इस रवैये की मुख्यमंत्री से शिकायत की जायेगी। व्यापारियों पर हो रही तानाशाही कार्यवाही को चेम्बर सहन नहीं करेगा और इसके लिए आवश्यकता पड़ेगी तो धरना प्रदर्शन किया जायेगा और ग्वालियर बंद कराने की आवश्यकता पड़ेगी तो ग्वालियर बंद भी कराया जायेगा लेकिन अवैध रूप से यह वसूली नहीं होने दी जाएगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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