ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी के हार के बाद पार्टी प्रदेश में भले ही इसे लेकर मंथन करे लेकिन ग्वालियर में तो आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है । पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखे जाने के बाद से ग्वालियर की राजनीति में उबाल आ गया है। कल चिट्ठी लिखे जाने के बाद आज एक ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें माया सिंह के पति पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह, एडवोकेट अवधेश भदौरिया से कह रहे हैं कि उन्होंने पत्र क्यों लिख दिया।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर में इस बार भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा है उसने शहरी क्षेत्र की तीनों सीट गँवा दीं हैं. भाजपा जिले की छह सीटों में से केवल एक ग्वालियर ग्रामीण की सीट जीत पाई है। और इस पर जो प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह जीते हैं वे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के ख़ास हैं| इसके अलावा ग्वालियर सीट से चुनाव हारने वाले मंत्री जयभान सिंह पवैया और नरेंद्र सिंह तोमर दोनों एक दूसरे के विरोधी माने जाते हैं , ग्वालियर दक्षिण की सीट गंवाने वाले मंत्री नारायण सिंह पवैया के नजदीकी माने जाते है इसलिए नरेंद्र सिंह से पटरी नहीं बैठती ऐसा माना जाता है। ग्वालियर पूर्व से चुनाव हारे सतीश सिंह सिकरवार भी नरेंद्र सिंह तोमर की गुड बुक में नहीं आते। इसीलिए इन सीटों पर जमकर भितरघात के आरोप लगे है।
एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया द्वारा पत्र लिखे जाने की बात जैसे ही सोशल मीडिया के माध्यम से पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह तक पहुंची। तो उन्होंने अवधेश भदौरिया को फोन लगाकर बहुत सी बातें की। उनकी बातचीत का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। .
पत्र में लिखी यह बात
भाजपा के विशेष आमंत्रित सदस्य एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को पत्र लिखा है और अपनी नाराजगी जाहिर की| इस पत्र में उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों की हार के लिए भितरघात करने और षड्यंत्र रचने का आरोप केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री माया सिंह और उनके पति पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह पर लगाया है। पत्र में भदौरिया ने कहा है कि सत्ता के लालची इच्छाधारी नेता परिवारवाद तथा स्वयं की महत्वाकांक्षा के चलते पार्टी के ही विरुद्ध षड्यंत्र रचने से नहीं चूकते। ग्वालियर चंबल संभाग में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने पुत्रों को राजनीति में स्थापित करने के उद्देश्य से ऐसा ही षड्यंत्र कर दिमनी जिला मुरैना विधानसभा क्षेत्र से जानबूझकर कमजोर प्रत्याशी को टिकट दिलाया ताकि प्रत्याशी इस बार हारने के बाद उनकी एक पुत्र को वहां स्थापित किया जा सके। वहीं ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से अपने दूसरे पुत्र को स्थापित करने के लिए उन्होंने स्वयं भाजपा प्रत्याशी जयभान सिंह पवैया के विरुद्ध षड्यंत्र रचा और उनके स्वयं के वफादार नेताओं ने खुलकर कांग्रेसी प्रत्याशियों के समर्थन में कार्य किया। उन्होंने लिखा है कि ऐसा ही ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में हुआ भाजपा की माया सिंह एवं उनके पति पूर्व मंत्री ध्यानेन्द्र सिंह ने एवं स्वयं के वफादार जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा एवं उनकी पूरी कार्यकारिणी ने भाजपा प्रत्याशी को हराने का कार्य किया है।
भदौरिया ने कहा है कि हम जैसे कार्यकर्ताओं को एक ही मूल मंत्र है दिया जाता है कि पार्टी में रहकर देश के कल्याण के लिए कार्य करें। लेकिन प्रधानमंत्री के बगल में बैठने वाले नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री माया सिंह एवं उनके पति ध्यानेन्द्र सिंह एवं महानगर जिला ग्वालियर की कार्यकारिणी द्वारा जो कार्य किया गया है उक्त कार्य से लाखों कार्यकर्ताओं का मन व्यथित है। क्या एकता के उद्देश्य सिर्फ कार्यकर्ताओं के लिए है, वरिष्ठ नेता चाहे अपने स्वार्थ के लिए कार्यकर्ताओं के विश्वास को रौंद दें। उन्होंने पत्र में इन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।