ग्वालियर, अतुल सक्सेना। संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा आज सोमवार को बुलाये गए भारत बंद का असर ग्वालियर में भी देखने को मिला। सुबह से ही बंद समर्थक शहर के अलग अलग हिस्सों से जत्थों के रूप में निकले और लोगों से समर्थन मांगते हुए बाजार बंद कराये। बंद में शामिल होने के लिए ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में किसान मोटरसाइकिल और ट्रेक्टर लेकर पहुंचे और रैलियां निकाली।
मोदी सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच आज सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने बंद बुलाया है। किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली 19 राजनीतिक पार्टियां भी भारत बंद का समर्थन कर रही हैं।
भारत बंद का असर ग्वालियर में भी देखने को मिला। सैकड़ों की संख्या में किसान मोटर साईकिल और ट्रेक्टर पर सवार होकर रैलियां निकाल रहे हैं और बाजार बंद करा रहे हैं। बंद को देखते हुए सुरक्षा के बड़े इंतजाम किये गए हैं। चौराहों पर और बाजारों में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रदर्शन में शामिल एक किसान सिद्धेश्वर शर्मा ने कहा कि ये आंदोलन किसी एक राज्य का नहीं है पूरे देश के किसानों का है , हम कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में अपना डीजल पेट्रोल फूंक कर आये हैं किसी से चंदा लेकर नहीं आये । ये हमारी लड़ाई है। हम मोदी सरकार को मनमानी नहीं करने देंगे। उधर प्रदर्शन में शामिल वरिष्ठ माकपा नेता रामविलास गोस्वामी ने भारत बंद के समर्थन में आयोजित ग्वालियर बंद को ऐतिहासिक बताया।
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....