ग्वालियर। हत्या के आरोप में भोपाल जेल में बंद अपराधी भीमा यादव उर्फ जितेंद्र सिंह का उसके साथियों सहित दो दिन बाद भी पता नहीं लगा है। इससे पहले पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई काले रंग की स्कार्पियो को बड़ागांव इलाके से बरामद कर लिया था ।बदमाशों के चंगुल से छूटा सिपाही प्रमोद यादव भी पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं दे सका है जिसके कारण पुलिस के हाथ अपराधियों से अभी दूर है ।
गौरतलब है कि शुक्रवार की रात दो गाड़ियों में भर कर आए बदमाशों ने भिंड कोर्ट में पेशी से लौटते वक्त महाराजपुरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणगढ़ तिराहे के पास पुलिस पार्टी पर हमला कर कुख्यात अपराधी भीमा यादव को छुड़ा लिया था। इसके साथ ही मौके पर मौजूद प्रमोद यादव नामक कांस्टेबल भी रहस्यमय तरीक़े से गायब हो गया था। जो शनिवार को खुद ही पुलिस के पास पहुंच गया। एसपी नवनीत भसीन ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी पर दस हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है ।भीमा यादव और भोपाल में कांस्टेबल सोहन पाल सिंह सहित अपराधियों के खिलाफ डकैती शासकीय कार्य में बाधा फरार होने और पुलिस पार्टी पर हमला करने की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं ।सोहनपाल भोपाल में पदस्थ बताया गया है। उस पर ही भीमा यादव के भाई विक्की के साथ मिलकर इस फरारी के षड्यंत्र में शामिल होने का अंदेशा है। पुलिस का सिर दर्द इसलिए बढ़ गया है क्योंकि बदमाश पुलिस की 2 इंसास राइफल को लूट कर ले गए हैं। एसपी का कहना है कि आसपास के जिलों में नाकेबंदी की जा रही है और बदमाशों की धरपकड़ के लिए पड़ोसी राज्यों में भी पुलिस पार्टियां भेजी गई है। उन्होंने फिलहाल पूरे मामले पर पड़ा पर्दा उठाने से इनकार किया है। उनका कहना है कि फिलहाल हर पहलू की हर व्यक्ति की भूमिका की जांच की जा रही है। उसी के बाद संबंधित लोगों पर लोगों को नामजद किया जाएगा और धाराएं भी बढ़ाई जायेंगी।