ग्वालियर हाई कोर्ट की सुरक्षा में बड़ी चूक, अंदर घुसी तेज रफ़्तार दो कार, मचा हडकंप, कार में थे युवक युवती, पुलिस को सौंपा

हाई कोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों ने विश्व विद्यालय थाना पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने कार में सवार युवक युवती और अन्य लोगों को पकड़ा और थाने ले गई ।

Atul Saxena
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Big lapse in Gwalior High Court security

Gwalior News : एमपी हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की सुरक्षा में बड़ी चूक से जुड़ा एक मामला सामने आया है, यहाँ दो तेज रफ़्तार कारें कोर्ट के गेट के बैरिकेट्स को तोड़ते हुए अंदर घुस गई, गाड़ियों को अंदर घुसते देख सुरक्षाकर्मियों ने दौड़ लगाई और उन्हें दबोच लिया, एक कार में युवक युवती सवार थे दूसरी में कुछ अन्य लोग, सूचना पर विश्वविद्यालय थाना पुलिस हाई कोर्ट पहुंची और कार सवार सभी को थाने ले गई जहाँ उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है।

दो तेज रफ़्तार कारें हाई कोर्ट में घुसी, मचा हडकंप   

ग्वालियर के सिटी सेंटर में स्थित बहुत ही संवेदनशील और हाई सिक्योरिटी वाले उच्च न्यायालय में उस समय हडकंप मच गया जब दो तेज रफ़्तार स्विफ्ट कारें गेट नंबर एक और दो के बैरियर को भेदते हुए अंदर पोर्च तक पहुंच गई, अचानक बिना अनुमति तेज रफ़्तार कारों के घुसने से सुरक्षाकर्मी चौंक गए , वे भागे और कार सवार लोगों को पकड़ लिया।

विश्वविद्यालय थाना पुलिस को सौंपा, मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा  

हाई कोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों ने विश्व विद्यालय थाना पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने कार में सवार युवक युवती और अन्य लोगों को पकड़ा और थाने ले गई, सीएसपी चंद्रभान सिंह के मुताबिक शुरूआती पूछताछ में मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा सामने आया है, लड़का लड़की शादी करना चाहते हैं और परिजन विरोध कर रहे हैं।

पुलिस कर रही कार सवार युवक-युवती और परिजनों से पूछताछ 

उन्होंने कहा हाई कोर्ट में बिना अनुमति इस तरह घुसना अपराध है, इन लोगों से पूछताछ की जा रही है और इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उधर हाई सिक्योरिटी जोन में इस तरह दो कारों के घुसने की घटना के बाद गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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